जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : पंचदेव मंदिर के सामने स्थित मोदी हाउस पर श्रीमती बिमला देवी रिद्धकरण मोदी परिवार द्वारा श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से कथावाचक श्री हरिशरण महाराज ने अपनी सुमधुर चिर परिचित शैली में कथा का रसपान श्रोता भक्तों को करवाते हुए सप्तम दिवस शुक्रवार को कथा को विश्राम दिया। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण की सर्वोपरी लीला एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। महाराज श्री ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों के द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होते है, जो लोग पर निंदा नहीं करते अपितु सकारात्मक भूमिका निभाते हुए लोगों के लिए अच्छा कार्य करते हैं इतिहास इसका साक्षी है। सात दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। कथा के समापन से पूर्व फूलों की होली खेली गई।
कथा के मध्य भगवान कृष्ण एवं सुदामा मिलन की जीवंत झांकी सजाई गई जो प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही।
कथा के समापन से पूर्व हरिशरण जी महाराज एवं आयोजक प्रमोद एवं प्रदीप मोदी का श्री श्याम आशीर्वाद सेवा संस्था की ओर से माल्यार्पण के साथ साफा एवं दुपट्टा ओढाकर प्रतीक चिन्ह भेटंकर स्वागत अभिनंदन करते हुए सफल भागवत कथा के आयोजन हेतु आभार प्रकट किया गया।
कथा में स्टेज एवं पांडाल को बहुत ही सुंदर रूप से टेंन्ट डेकोरेटर आशिष मोहन तुलस्यान द्वारा सजाया गया।
इस अवसर पर इस अवसर पर आयोजक मोदी परिवार से बिमला देवी रिद्धकरण मोदी, प्रमोद एवं प्रदीप मोदी, अनिल मोदी, सुरेश मोदी, आनंद मोदी, अमन मोदी, नरेंद्र मोदी, अशोक मोदी सहित अन्य परिवार जन, श्रीकांत पंसारी, रुपेश तुलस्यान, शशिकांत पंसारी, कुंदन सिगंडोदिया, रधुनाथ पौद्वार, परमेश्वर हलवाई, अशोक केडिया, प्रदीप पाटोदिया, कैलाशचन्द्र सिंघानिया, डॉ.डी.एन.तुलस्यान, ताराचंद भौडकीवाला, रामचन्द्र मोदी, अनिल खंडेलिया, संजय नांगलिया, ईन्द्र चन्द तुलस्यान, आशिष श्रीमोहन तुलस्यान, अशोक तुलस्यान निर्मल मोदी, दिनेश ढंढारिया, सुभाष जालान, विमल टमकोरिया, महेंन्द्र रिंगसिया एवं बिसाऊ निवासी सूरत प्रवासी संजय क्याल सहित बडी संख्या मे अन्यजन उपस्थित थे।
कथा के मध्य जीवन्त झांकी प्रत्येक दिवस वृंदावन से पधारे मूलचंद शर्मा द्वारा सुसज्जित कर सजाई जाती है। मूलचंद शर्मा ने बताया कि वे यह कार्य वर्षों से कुशलतापूर्वक करते आ रहे हैं साज सज्जा ड्रेस एवं मेकअप का सामान सब अपने साथ वृंदावन से लाते हैं तथा प्रत्येक दिवस सजाई जाने वाली झांकी के पात्र आयोजक परिवार के सदस्यों को बनाकर उन्हें सुसज्जित करते हैं मूलचंद शर्मा ने बताया कि वे यह कार्य वर्षों से कुशलतापूर्वक करते आ रहे हैं साज सज्जा ड्रेस एवं मेकअप का सामान सब अपने साथ वृंदावन से लाते हैं तथा प्रत्येक दिवस सजाई जाने वाली झांकी के पात्र आयोजक परिवार के सदस्यों को बनाकर उन्हें सुसज्जित करते हैं।