झुंझुनूं-सूरजगढ़ : स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाया:स्वतंत्रता सेनानी नेली सेन गुप्त और अमर शहीद क्रांतिकारी सूर्यसेन को भी याद किया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल

झुंझुनूं-सूरजगढ़ : युवाओं के प्रेरणास्रोत, आध्यात्मिक गुरु और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद की जयंती को राजेंद्र सिंह फौजी की अध्यक्षता में शिव शक्ति टॉवर उर्फ चोटिया कॉम्प्लेक्स बुहाना चौक सूरजगढ़ में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली महान स्वतंत्रता सेनानी, कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पद्म विभूषण से सम्मानित महान सामाजिक कार्यकर्ता नेली सेन गुप्त व स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न डॉ. भगवान दास को उनकी जयंती पर याद किया। देश की आजादी के लिए फांसी के तख्ते पर चढ़ने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद सूर्य सेन को भी उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया।

आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने राष्ट्रीय युवा दिवस के महत्व को बताया और युवाओं से स्वामी विवेकानंद के विचारों को ग्रहण करने का आह्वान किया। गाँधी ने क्रांतिकारी सूर्यसेन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा- मास्टर सूर्य सेन स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी थे। वे ‘चटगांव आर्मरी रेड’ के नायक थे। 12 जनवरी 1934 को सूर्य सेन और उनके साथी तारकेश्वर दस्तीदार को चटगांव जेल में फांसी पर चढ़ा दिया। फांसी से पूर्व उन्हें ऐसी अमानवीय यातनाएं दी गई, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। निर्दयतापूर्वक हथोड़े से उनके दांत तोड़ दिए गए, नाखून खींच लिए गए, हाथ-पैर तोड़ दिए गए और जब वह बेहोश हो गए तो उन्हें अचेतावस्था में ही खींचकर फाँसी के तख्ते तक लाया गया। क्रूरता और अपमान की पराकाष्ठा यह थी कि उनकी मृत देह को भी उनके परिजनों को नहीं सोंपा गया और उसे धातु के बक्से में बंद करके ‘बंगाल की खाड़ी’ में फेंक दिया गया।

शिक्षाविद् नरेन्द्र मान और मोतीलाल डिग्रवाल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, स्वामी विवेकानन्द एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगन्ध विदेशों में बिखेरने वाले साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विद्वान् थे। विवेकानन्द का मूल नाम ‘नरेंद्रनाथ दत्त’ था, जो कि आगे चलकर स्वामी विवेकानन्द के नाम से विख्यात हुए। युगांतरकारी आध्यात्मिक गुरु, जिन्होंने हिन्दू धर्म को गतिशील तथा व्यावहारिक बनाया और सुदृढ़ सभ्यता के निर्माण के लिए आधुनिक मानव से पश्चिमी विज्ञान व भौतिकवाद को भारत की आध्यात्मिक संस्कृति से जोड़ने का आग्रह किया। कलकत्ता के एक कुलीन परिवार में जन्मे नरेंद्रनाथ चिंतन, भक्ति व तार्किकता, भौतिक एवं बौद्धिक श्रेष्ठता के साथ-साथ संगीत की प्रतिभा का एक विलक्षण संयोग थे। भारत में स्वामी विवेकानन्द के जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस मौके पर राजेंद्र फौजी, मानसिंह कुलहरी, राजपाल फोगाट, श्रीराम ठोलिया, बाबूलाल मैनेजर, डॉ. सीताराम जांगिड़, टेकचंद स्वामी, करण सिंह दीवाच, दिनेश शर्मा, मोतीलाल डिग्रवाल, धर्मपाल गांधी, नरेंद्र मान, जगदेव सिंह खरड़िया, सज्जन कटारिया, रामस्वरूप नेता, बनवारी भांभू आदि अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन वीर तेजाजी विकास संस्थान के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया ने किया।

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