जयपुर : पिंकसिटी जयपुर की पहचान हवामहल से ही दुनियाभर में होती है। 15 जनवरी को लगने वाले हवामहल फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देशी-विदेशी सैलानियों सहित जयपुर वासियों में विरासत के लिए चेतना और उनके धरोहर संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित करना है। हवामहल फेस्टिवल के दौरान लोक गीत, संगीत, मनोरंजन के कई साधन उपलब्ध होंगे। साथ ही जयपुरी और राजस्थानी खान पान का जायका भी मिल सकेगा। रात 8:30 बजे से रात 12 बजे तक चलने वाले इस फेस्टिवल के जरिए नाइट टूरिज्म का विशेष आकर्षण देखने को मिलेगा।
फेस्टिवल के दौरान बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक और ख्वासजी के रास्ते तक का क्षेत्र रंग बिरंगी रोशनी से सराबोर रहेगा। हवामहल बाजार के नाम से पहचाने जाने वाले क्षेत्र में जयपुर का सबसे दर्शनीय पर्यटन स्थल हवामहल तो मौजूद है ही और सवाई मानसिंह टाउन हॉल ( पुरानी विधानसभा), रामप्रकाश सिनेमा, अयोध्या पोल ( जलेब चौक प्रवेश द्वार) क्षेत्र के मंदिर और हवेलियां जयपुर के इस बाजार को हेरिटेज वॉक-वे कॉरिडोर का दर्जा देते हैं।
हवामहल फेस्टिवल में यह रहेगा खास
मुख्य कार्यक्रम हवामहल के सामने रात 8:30 बजे से 10 बजे तक होगा। बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक तक कई कार्यक्रम दुकानों के आसपास खाली जगहों पर होंगे। फेस्टिवल के दौरान पर्यटक खरीदारी कर सकेंगे। जिसमें जयपुरी रजाईयां, मोजडी (जूतियां), राजस्थान के परम्परागत लहंगा, चोली, बंधेज के कपडे, साफा शामिल हैं।
वहीं कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखते हुए जयपुर और राजस्थान के पारंपरिक खानपान का स्वाद भी लोग ले सकेंगे। जयपुर का कढ़ाई का दूध और साईकिल पर चरी में चाय बेचने वाले मौजूद रहेंगे। इस दौरान वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। पैदल ही इस फेस्टिवल का आनंद लिया जा सकेगा।
आकर्षण के मुख्य केंद्र यह रहेंगे
जयपुर का ब्रास, पुष्कर का नगाड़ा बैंड, लंगा के गीत और कठपुतली प्रदर्शन होगा। फेस्टिवल के दौरान पुष्कर का नगाड़ा बैंड, लाइव म्यूजिक पर कथक प्रस्तुतियां, पाबूसर के कलाकारों का थाली नृत्य और ढोल वादन, गैर नृत्य, चंग की थाप पर थिरकते कलाकारों की यात्रा, बड़ी चौपड़ पर जयपुर ब्रास बैंड की प्रस्तुति, सवाई मानसिंह टाउन हॉल पर बैंड वादन, फड़ पेंटिग्स साथ भोपा- भोपी के किस्से बहरूपियों का स्वांग, लंगा कलाकारों के गीत, मैजिक शो, कठपुतली प्रदर्शनी, माटी कलाकारों के प्रदर्शन, फायर पेंटिंग करते कलाकार, फिरकी, बांसुरी और रावणहत्था बेचने वाले, तोता पंडित, टैरो कार्ड रीडर बैलून शूटिंग, लाइव स्कैच बनाते कलाकार, मैरी गो राउंड कई मनोरंजन के साधन आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
अपने हवामहल को जाने
हवा महल को सन 1799 ई. में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। इसे वास्तुकार लाल चंद उस्ता ने डिजाइन किया। इसकी अद्वितीय पांच-मंजिला इमारत में 953 बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियां हैं, जिन्हें झरोखा कहते हैं। जालीदार झरोखों से हमेशा ठंडी हवा, महल के भीतर आती रहती है, जिसके कारण तेज गर्मी में भी महल वातानुकूलित रहता है। चूने, लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल जयपुर के व्यापारिक केंद्र के हृदयस्थल में मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह सिटी पैलेस का ही हिस्सा है और जनाना कक्ष या महिला कक्ष तक फैला हुआ है।