पंजाब : पायलट की पंजाब में राहुल गांधी से गुफ्तगू, यात्रा में साथ चलकर दिया सियासी संदेश, जानें इसके मायने

पंजाब : सचिन पायलट ने बुधवार को पंजाब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में प्रसाद पैदल मार्च कर हिस्सा लिया। पायलट ने राजस्थान के राजनीतिक हालात के बारे में राहुल गांधी से काफी देर गुप्तगू की। पायलट की यह मुलाकात राहुल गांधी से ऐसे वक्त हुई है, जब इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजस्थान में दौरा बन रहा है।

मोदी भीलवाड़ा के आसींद में भगवान देवनारायण जयंती के समारोह में हिस्सा लेने आ रहे हैं। भगवान देवनारायण में गुर्जर समाज की बहुत भारी आस्था और विश्वास है। बीजेपी पीएम मोदी के दौरे के जरिए गुर्जर समाज को राजस्थान में चुनावी लिहाज से साधना चाह रही है। दूसरी ओर राजस्थान में गुर्जर कांग्रेस पार्टी से इसलिए नाराज बताए जा रहे हैं, क्योंकि सचिन पायलट को सीएम के पद पर वह कांग्रेस सरकार में नहीं देख सके।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में साथ का सियासी मैसेज
राहुल गांधी ने सचिन पायलट को क्या आश्वासन दिया है, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इस मुलाकात से राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। हाल ही में जयपुर में कांग्रेस वॉर रूम में हुई ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की तैयारी बैठक में सचिन पायलट समेत कुछ नेता नहीं पहुंचे थे। तब प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नेताओं के बैठक में गैर मौजूद रहने पर नाराजगी भी जाहिर की थी।

साथ ही कहा था कि जो बैठक में हिस्सा नहीं लेगा, यह माना जाएगा कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में साथ नहीं है। लेकिन सचिन पायलट ने अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में ही पहुंचकर साफ मैसेज दे दिया है कि वह राहुल गांधी के साथ हैं।

35 नए जिलाध्यक्ष और पीसीसी संगठन में होनी हैं नियुक्तियां

पार्टी सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को 35 नए जिलाध्यक्ष नियुक्त करने हैं। साथ ही पीसीसी का भी पुनर्गठन कर नियुक्त किया करनी हैं। इन नियुक्तियों में सचिन पायलट अपनी समर्थक नेताओं को ज़्यादा से ज़्यादा जगह दिलाकर पार्टी संगठन में स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला भी होना अभी बाकी है।

जानकार यह भी बताते हैं कि सचिन पायलट को पीसीसी अध्यक्ष बनाकर उनके नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव कराने पर भी कांग्रेस पार्टी विचार कर रही है। लेकिन ऐसा करने पर मौजूदा पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को वापस मंत्री का पद दिया जा सकता है। उसके लिए जल्दी मंत्रिमंडल रिशफ़ल भी करना होगा। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में भी पार्टी आलाकमान को गहलोत-पायलट दोनों खेमों को तवज्जो देते हुए मंत्री तय करने होंगे, ताकि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी एकजुट होकर मजबूती से उतर सके।

सीएम अशोक गहलोत मंत्रियों को फील्ड में जाने के निर्देश दिए
मंत्रिमंडल में बदलाव कब तक होगा कहना अभी मुश्किल है। लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने अपने सभी मंत्रियों को फील्ड में जाने के निर्देश दिए हैं। 16 और 17 जनवरी को चिंतन शिविर के बाद मंत्री 19-20 जनवरी को प्रदेश में प्रभार वाले जिलों में जाकर राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी जुटाकर सीएम को फीडबैक रिपोर्ट देंगे। उसके बाद 23 जनवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा।

किसान सम्मेलन की तैयारी में सचिन पायलट  
सूत्र बताते हैं सचिन पायलट खेमे के समर्थक मंत्री और विधायक किसान सम्मेलनों की तैयारियों में जुटे हैं। 16 जनवरी को नागौर जिले के परतबसर में किसान सम्मेलन से पायलट शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत कर देंगे।  इसके बाद 18 जनवरी को झुंझुनूं जिले के गुढ़ा क्षेत्र में पायलट की सभा रखी गई है।

मारवाड़ और नहरी क्षेत्र में भी पायलट की सभाओं और किसान सभाओं के कार्यक्रम बन रहे हैं। पायलट समर्थक नेताओं ने प्रदेशभर में इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं।विधानसभा के बजट सत्र के बीच पड़ने वाली छुट्टियों में भी पायलट की जनसभाएं करने की रणनीति तैयार की जा रही हैं।

पायलट खेमे की मांगें अब तक नहीं हुईं पूरी
सचिन पायलट खेमे की मांगें अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं। इसमें सचिन पायलट को राजस्थान का सीएम बनाना और मंत्रिमंडल में ज्यादा नेताओं की भागीदारी देना, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी में कार्यकर्ताओं को जगह देना, 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस विधायक दल के पैरेलल बैठक बुलाने वाले मंत्री-नेताओं पर अनुशासन की कार्रवाई करना जैसी मांगें अभी पेंडिंग हैं।

इसलिए किसान सम्मेलन बुलाने को पायलट खेमे की चुनावी साल में शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत मानी जा रही है। इससे वह प्रदेश में सक्रियता और जनाधार दिखाना चाहते हैं। इन सभाओं में बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने और पार्टी हाईकमान तक मैसेज देने की तैयारी है। हालांकि पायलट सीधे तौर पर अभी कोई आरोप लगाने से बच रहे हैं। लेकिन माना जा रहा है इन कार्यक्रमों के बाद सियासत और गरमाएगी।

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