अजमेर : अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में 811वें सालाना उर्स का उत्साह देखा जा रहा है। उर्स की तैयारियों को लेकर अभी से यहां हलचल देखी जा सकती है। उर्स 18 जनवरी को झंडे की रस्म निभाने के साथ शुरू होगा। उर्स में दरगाह शरीफ आने वाले जायरीनों के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी मेंबर सभी इंतजाम करने में जुटे हैं।
18 जनवरी को झंडे की रस्म होगी। भीलवाड़ा का गौरी परिवार 79वीं बार दरगाह स्थित बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाएगा। अजमेर कलेक्टर ने उर्स मेले की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक में विभागों को अपनी जिम्मेदारी समय से पूरी करने को कहा। प्रशासन के अनुसार इस साल उर्स में दो से तीन लाख जायरीन और चार हजार से ज्यादा वाहन आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार पाकिस्तान से जायरीन का जत्था उर्स में शामिल होने के लिए अजमेर आने की भी सूचना है। प्रशासन ने जायरीन के लिए रहने, खाने, जियारत करने समेत तमाम इंतजाम समय से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा के लिए दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
देश भर से आती हैं चादर
विश्व प्रसिद्ध उर्स में झंडा चढ़ाने की रस्म बरसों पुरानी है। गरीब नवाज के उर्स मेले में झंडा चढ़ाने की रस्म भीलवाड़ा के लाल मोहम्मद गौरी के पोते फखरुद्दीन गौरी व सैयद मारूफ अहमद साहब की सदारत में अदा की जाएगी। उर्स के दौरान कई देशों से ख्वाजा की मजार पर चादर लाई जाती है। पाकिस्तान का जत्था भी चादर लेकर अजमेर पहुंचता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य नेता भी अपनी तरफ से चादर भेजते हैं।