झुंझुनूं-खेतडीनगर : खेतड़ी में खदानों का विस्तार होगा, जिससे तांबे के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। वहीं, हिंदुस्तान कॉपर प्रोजेक्ट को भी लाभ होगा। इसके लिए हिन्दुतान कॉपर लिमिटेड के मुख्य कार्यालय में रविवार को एचसीएल व भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान धनबाद के बीच सहयोगात्मक एवं प्रोयोजित अनुसंधान परियोजनाओं के संबंध में समझौता हुआ। समझौता अध्यक्षता हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबन्धक निदेशक अरूण कुमार शुक्ला और प्रोफेसर राजीव शेखर, निदेशक भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (आईएसएम) धनबाद के बीच में हुआ।
सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन) विपिन शर्मा ने बताया कि भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठत संस्थान है जो खनन क्षे़त्र और उसके सज्जीकरण और भू विज्ञान में प्रमुख स्थान रखता है। उन्होंने बताया कि समझौते के चलते भूवैज्ञानिक, तकनीक, पर्यावरणीय, संविदात्मक और अयस्क सज्जीकरण संबंधी समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण सहयोग करेगा। जिससे हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड की खदानों के विस्तार कार्यक्रम में गति मिलेगी।
इस समझौते से भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान से हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड को तकनीकी सहयोग, मार्गदर्शन और प्रौद्योगिकी कला क्षेत्र सहित खनन पद्वति के माध्यम से ताम्र अयस्क के उत्पादन में वृद्धि, उत्पादकता एवं खान सुरक्षा में भी सुधार होगा। इससे पर्यावरणीय क्लीयरेंस संबंधी मुद्दे, जल विज्ञान, जल भूवैज्ञानिक अध्ययन और अपरम्परागत गवेषण पद्धतियों भूवैज्ञानिक गवेषण, ताम्र अयस्क की गहराई गवेषण के दूरस्थ संवेदन इत्यादि में सहयोग मिलेगा।
कम्पनी भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान को भारतीय ताम्र खनन के क्षेत्र में सुधार के लिए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं, एचसीएल के प्रशिक्षण और विकास, अभियंताओं तथा प्रबंधकों को कौशल एवं गवेषण, अयस्क सज्जीकरण और अन्य सांविधिक खान नियम संशोधन ज्ञान का विस्तार करने और संबंधित मुद्दों में सहायक है। शर्मा ने बताया कि इस समझौते से खदान कार्यों का विस्तार होगा साथ ही उत्पादन भी बढ़ेगा। जिससे आगामी समय में कंपनी को अधिक लाभ मिलेगा। दोनों संस्थानों के बीच हुए इस समझौते के लागू होने के साथ ही रोजगार के अवसर को भी बढ़ावा मिलेगा तथा कार्य की कुशलता को देखते हुए नए रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।