झुंझुनूं-सूरजगढ़ : राजस्थान प्रगतिशील संस्थान के स्थापना दिवस के उपलक्ष में राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर द्वारा आयोजित साहित्यकार सम्मेलन रविवार 25 दिसंबर को 11:00 सूरजगढ़ के रानी बाग होटल में शुभारंभ हुआ हुआ। जिसमें हिंदी व राजस्थानी भाषा के ख्यातनाम साहित्यकारों ने शिरकत किया। समारोह के दौरान साहित्यकारों ने साहित्य और समाज तथा पत्रकारिता कर्म क्षेत्र में समाज के प्रति उत्तरदायित्व विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के आयोजक एवं राजस्थान प्रगतिशील संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद चेतीवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ भगवान लाल बंसीवाल भल्ला साहित्यकार ने की। उन्होंने अपनी काव्य शैली में समाज का उम्दा चिंतन प्रस्तुत करते हुए कहां साहित्य समाज का दर्पण होता है और समाज साहित्य का प्रतिबिंब जैसा हम आचरण करते हैं। समाज उसे सब देखता है। समाज के नुमाइंदों का चिंतन मंथन को लिपिबद्ध कर समाज को दिशा देने का काम करें । वही साहित्यकार कहलाता है।
साहित्य और समाज पर पत्र वाचन कार्यक्रम हुआ जिसमें कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हरेश पंवार ने अपने पत्र वाचन कार्यक्रम के दौरान कहां कि साहित्यकार और पत्रकार का समाज के प्रति महत्वपूर्ण दायित्व होता है। वह समाज का पथ प्रदर्शक होता है इसलिए वह अपने शब्दों की धारा प्रवाह से साहित्य सृजन कर समाज को प्रगतिशील करता हैं और विकास के उन्नयन की दिशा में समाज को गतिशील करे ताकि दिशाहीन समाज को अंधेरे की गर्दिश से बचाने के लिए कलमकार मार्ग दिखा सके। यही साहित्य का सामाजिक उद्देश्य है।
कार्यक्रम के प्रथम क्षेत्र के मुख्य अतिथि सूरजगढ़ उपखंड अधिकारी राजेंद्र कुमार रहे। द्वितीय सत्र की मुख्य अतिथि हरित ऋषि डॉ हरिसिंह गोदारा अध्यक्ष केजीआई संस्थान सिंगनोर उदयपुरवाटी रहे। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरपालिका गुढ़ागोड़जी के चेयरमैन रामअवतार दायमा रहे। पत्रकारिता के क्षेत्र में समाज के प्रति उत्तरदायित्व विषय पर व्याख्यान राष्ट्रीय कवि संगम के राजस्थान प्रदेश महामंत्री कवि विवेकानंद शर्मा काव्य रचना के माध्यम से समाज का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।। साहित्यकार कवियत्री सीमा लोहिया ने महिला उत्थान और सामाजिक जागृति का पक्ष रखते हुए साहित्य की विभिन्न विधाओं में मातृशक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला।, जल जंगल जमीन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप शर्मा ने अंतिम पायदान के व्यक्ति के मर्ज को समझकर समाज को मुख्यधारा में लाने की बात कही।
हिंदी साहित्य प्रवक्ता रामदेव सिंह बादल, सामाजिक चिंतक एडवोकेट सुभाष कामरेड नारनौल, आजाद अहमद खान संपादक जनमानस शेखावाटी नेटवर्क भी व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान, शिक्षाविद बाबूलाल पवार, केसरदेव बड़सीवाल,बेगराज सांखला, राजस्थान प्रगतिशील संस्थान के मुख्य संरक्षक गोरुराम चावला सहित क्षेत्र के काफी साहित्यकारों ने वर्तमान समाज की दशा और दिशा तथा साहित्य पर चिंतन मंथन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कवि महिपाल मंगलाचरण प्रस्तुत किया।समारोह के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं दहेज विरोधी मुहिम के बुद्धिजीवी लोगों का सम्मान व पुरस्कार भेंट किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले नवांकुर साहित्यकारों को भी सम्मान किया गया।
इस मौके पर डॉ अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के प्रदेश संयुक्त सचिव रामस्वरूप आसलवासिया, आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी, शीशराम बड़सीवाल, रामप्रसाद चेतीवाल ओमप्रकाश सेवदा, शिक्षक संघ सियाराम के अध्यक्ष वेदपाल, गुलजारीलाल चावला, पुरुषोत्तम सोलंकी, संदीप सोलंकी, रतिराम नावरिया, रवि खन्ना, ओमप्रकाश बुंदेला, सुरेश सांभरिया, डॉ पवन चौहान, दिनेश सांखला राजीव दायमा, मंजू बडसीवाल, मंजू चेतीवाल, प्रीतम चेतीवाल, राजबाला, पूजा, संतोष, महेंद्र बंसीवाल, गुलाब चेतीवाल, बहादुरमल बडगूजर चिरंजीव बंसीवाल सज्जन कटारिया जगदीश लोहरानिया, गजानंद कटारिया प्रमोद लोहिया शीशराम बड़सीवाल, रामप्रसाद चेतीवाल, महेंद्र बड़सीवाल सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।