पाली : ‘मैं हनुमान सिंह। नगर परिषद पाली में मेरे m/s हनुमान सिंह मूल सिंह व सत्यम कंस्ट्रक्शन फर्म है। नगर परिषद में चरम सीमा पर व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से आयुक्त व सभापति रेखा भाटी के पति राकेश भाटी व लेखा शाखा के अधिकारी ज्यादा कमीशन के चक्कर में कई ठेकेदारों का भुगतान नहीं करते हैं या कम करते हैं। मेरे लगभग 2 करोड़ रुपए बकाया हैं, पिछले 2-3 साल से भुगतान अपने मनमाने ढंग से करने के कारण मेरा भुगतान नहीं हो रहा है।
लगभग 2 करोड़ बकाया होने से मैं बैंक लोन का डिफॉल्टर भी हो गया हूं। ईएमआई नहीं भर पा रहा हूं। साधन बेचने पड़ रहे हैं। कलेक्टर महोदय मेरा बकाया भुगतान नगर परिषद से करवाने तथा भुगतान की जांच करावें, ताकि किसी और को ऐसा कदम नहीं उठाना पड़े। मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसके दोषी नगर परिषद आयुक्त व राकेश भाटी हैं।’
मेरे पुत्र-पुत्रियों एवं पोते-नाते और मिसेज को प्यार…, अलविदा- घर से रुपए लगाकर भी इज्जत चली जाए और रोज घुट-घुटकर मरने से तो एक बार मरना अच्छा…।’
ये सुसाइड नोट है- पाली नगर परिषद के ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित का। ढाबर (रोहट) गांव में रहने वाले ठेकेदार ने शुक्रवार शाम अपने कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी। उन्होंने 2 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा। इसमें सभापति रेखा भाटी, सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और नगर परिषद के लेखा शाखा के नरेश चौधरी को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।
मामले की जानकारी के बाद राजपुरोहित समाज के लोग, ठेकेदार, पार्षदों ने हंगामा कर दिया। परिवार ने भी सुसाइड नोट में लिखे रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और शव उठाने से इनकार कर दिया है। सभी लोग शनिवार को भी मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे है।
कमरा तोड़कर देखा तो पंखे से लटके मिले ठेकेदार के बेटे भंवर सिंह राजपुरोहित (31) ने बताया कि शुक्रवार को घर में मां और पिता ही थे। शुक्रवार शाम करीब चार बजे मां ने पिता को चाय के लिए आवाज लगाई तो मकान के फर्स्ट फ्लोर से वह नीचे नहीं आए। न ही कोई जवाब दिया। उन्हें बुलाने उनकी मां गई तो सीढ़ियों का दरवाजा बंद मिला।
इस पर उन्होंने आस-पड़ोस के लोगों और रिश्तेदारों को बुलाया। दरवाजे का कुंडा तोड़कर कमरे में गए तो पिता पंखे से फंदा लगाकर लटके मिले। फौरन नीचे उतार कर उन्हें बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मोर्च्युरी में बॉडी रखवाते समय मिला सुसाइड नोट
पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और पिता के कपड़ों की जांच की तो जेब से दो पेज का सुसाइड नोट मिला। पिता ने मौत से पहले सुसाइड लिखा था। उसमें नगर परिषद सभापति रेखा भाटी, सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और नगर परिषद के लेखा शाखा के नरेश चौधरी की ओर से बकाया पेमेंट जारी करने के बदले अनुचित रूप से 10 प्रतिशत कमीशन मांगने से आहत होने की बात लिखी।
CO ग्रामीण मंगलेश चुंडावत ने बताया कि ढाबर गांव के रहने वाले मृतक के बेटे ने रिपोर्ट दी। रोहट थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बेटे का कहना है कि उनके पिता हनुमान सिंह राजपुरोहित के नगर परिषद सहित अन्य ऑफिस में ठेकेदारी करते थे।
नगर परिषद में दो से ढाई करोड़ रुपया बकाया था। जिसके भुगतान के लिए उनके पिता ने नगर परिषद के कई चक्कर काटे, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। रिश्तेदारों और मार्केट से उन्होंने उधार रुपए लिए थे और नगर परिषद में किए गए कामों का पेमेंट नहीं होने से वह पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन में थे।
10 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप
बेटे ने आरोप लगाया कि सभापति रेखा भाटी, सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त ब्रिजेश रॉय, नगर परिषद लेखा शाखा के नरेश चौधरी के पास बकाया पेमेंट रिलीज करने को लेकर वे लगातार जा रहे थे, लेकिन पेमेंट जारी करने के लिए उनकी ओर से 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की गई।
आरोप है कि पहले से कर्ज में डूबे पिता ने 10 प्रतिशत अग्रिम कमीशन देने में असमर्थता जताई। इसके चलते उनका पेमेंट रोक दिया गया। इससे वह परेशान रहने लगे। जिन लोगों से उधार ले रखा था उनको चुकाने की चिंता उन्हें सता रही थी। यह चिंता उन्होंने ढाबर गांव के अपने परिजन नरपत सिंह, बाबू सिंह को भी बताई।
दीवाली पर भी नहीं मिला भुगतान
नगर परिषद पिछले काफी समय ठेकेदार एक साल पूर्व गत 28 अगस्त से ठेकेदारों की राशि अटकी हुई है। ठेकेदार संघ के जिलाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि नगर परिषद में करीब 30 से ज्यादा ठेकेदार हैं। इनके करीब 60 करोड़ का बकाया है। पूर्व में दो बार धरना दे चुके हैं। इसके बावजूद भुगतान नहीं दिया गया। दीवाली पर भी ठेकेदारों को भुगतान नहीं दिया गया।
भुगतान के लिए ठेकेदार पहले भी कर चुके हैं विरोध
ठेकेदार एक साल पूर्व गत 28 अगस्त 2021 को भी सभापति व आयुक्त पर 10-10 परसेंट का कमीशन का आरोप लगाकर विरोध कर चुके है। उस समय ठेकेदार संघ के शहर अध्यक्ष रह चुके हनुमानसिंह की मौजूदगी में ठेकेदारों ने पांच दिन विरोध किया था।
भुगतान को लेकर 28 अक्टूबर को दिया आदेश
मामले में सभापति रेखा राकेश भाटी का कहना है कि ठेकेदार हनुमान सिंह की मौत दुखद घटना है। हम ठेकेदारों के साथ हैं। रही बात पैसों का भुगतान तो यह कमेटी तय करती है। ठेकेदारों के बकाया भुगतान को लेकर 28 अक्टूबर को ही आदेश कर दिए है। लेखाधिकारी जैसलमेर गए हुए है। सरकार से पैसा भी नहीं आ रहा है। मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए।