झुंझुनूं : जिले के सबसे बड़े अस्पताल राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल में सोनोग्राफी केसेज में मरीजाें काे वेटिंग की समस्या से जल्द ही निजात मिलेगी। अगले सप्ताह दो और सोनोग्राफी मशीनें यहां आ जाएंगी।
बिजली की वर्षाें पुरानी लाइनें भी बदली जाएंगी और शौचालयों सहित सफाई व्यवस्था में भी सुधार होगा। कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर जरूरतों की सूची तैयार की गई है। उन्होंने शुक्रवार को बीडीके अस्पताल का निरीक्षण किया जिसमें कई खामियां नजर आईं जिन्हें जल्द ही दुरुस्त करवाने की बात उन्होंने कही है।
वर्षों पुरानी बिजली वायरिंग को बदलवाएंगे और शौचालयों की दशा भी सुधारेंगे
कलेक्टर कुड़ी को अचानक पहुंचा देख अस्पताल स्टाफ अलर्ट हो गया। वे सीधे मरीजों के पास पहुंचे और अस्पताल में मुहैया कराई जा रही विभिन्न चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। मरीजों ने उन्हें बताया कि वैसे तो अस्पताल में कोई दिक्कत नहीं है।
जांचें, इलाज और दवाइयां सब निशुल्क मिल रहे हैं लेकिन सोनोग्राफी करवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। दो दिन तक नंबर नहीं आता है, इमरजेंसी होने पर सोनोग्राफी बाहर से करवानी पड़ती है। कलेक्टर कुड़ी ने बताया कि अस्पताल के लिए दो नई सोनोग्राफी मशीनें स्वीकृत हो चुकी हैं और अगले सप्ताह तक यहां पहुंच जाएंगी। इसके बाद सोनोग्राफी के लिए वेटिंग की समस्या खत्म हो जाएगी।
बदली जाएंगी वर्षाें पुरानी बिजली वायरिंग : बीडीके अस्पताल का मुख्य भवन दशकों पुराना है। यहां बिजली की वायरिंग भी संभवतया उतनी ही पुरानी है। कई जगह से वायरिंग बाहर निकल आई है और लटक रही है, इससे बिजली लाइन में फाॅल्ट आने का खतरा बना रहता है। इससे बड़ा हादसा भी हो सकता है।
कलेक्टर कुड़ी ने कहा कि पुरानी सभी वायरिंग को हटा कर नई लाइनें डाली जाएंगी। नियमित सफाई और देखरेख के अभाव अस्पताल के वार्डों में बने शौचालयों की स्थिति भी दयनीय है। कलेक्टर ने कहा कि यहां सफाई व्यवस्था में सुधार के साथ ही कुछ टॉयलेट्स को तो पूरी तरह से बदलने की जरूरत है। नियमित रूप से सफाईकर्मी की व्यवस्था की जाएगी।
पीपीपी मोड पर लेंगे रेडियोलॉजिस्ट
दो नई सोनोग्राफी मशीनें और आ जाने से बीडीके अस्पताल में कुल तीन मशीनें हो जाएंगी। इससे मरीजों को बेहतर और समय पर सुविधा का लाभ मिल सकेगा। कलेक्टर कुड़ी ने बताया कि यहां रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। हालांकि विभाग की ओर से अस्पताल को दो रेडियोलॉजिस्ट मिले थे लेकिन इनमें से एक तो आया ही नहीं और दूसरा ज्वॉइन करके चला गया। अब पीपीपी मोड पर रेडियोलॉजिस्ट लेंगे ताकि सोनोग्राफी मशीनों का सुचारू संचालन हो सके और आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके।