झुंझुनूं : RTE में एडमिशन के बाद मासूम की शिक्षा से खिलवाड़:3 साल बाद बताया अयोग्य; स्कूल बना रहा फीस का दबाव

झुंझुनूं : झुंझुनूं में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। साल 2019 में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत बच्चे का एडमिशन जिले के राजोता गांव की विवेकानंद स्कूल में हुआ। तीन साल बच्चा स्कूल गया। पास हुआ। अगली क्लास में गया। इसके बाद आरटीई में एडमिशन की जांच करने वाली शिक्षा विभाग की टीम ने रिपोर्ट में लिख दिया कि बच्चा स्कूल से गैर-हाजिर रहा, इसलिए उसे RTE के तहत एडमिशन के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है।

शिक्षा विभाग की इस रिपोर्ट के बाद स्कूल ने परिजनों पर फीस के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। बच्चे के पिता ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत स्कूल से जानकारी निकाली तो बच्चा न केवल रेगुलर मिला, बल्कि पास होने के रिपोर्ट कार्ड भी सामने आ गए। इसके बाद रिपोर्ट तैयार करने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठ गए हैं।

बच्चे के पिता ने आरटीआई के तहत सूचनाएं निकलवा कर शिक्षा विभाग तक पहुंचाई। तब भी शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण बच्चे की शिक्षा पर संकट आ गया है।
बच्चे के पिता ने आरटीआई के तहत सूचनाएं निकलवा कर शिक्षा विभाग तक पहुंचाई। तब भी शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण बच्चे की शिक्षा पर संकट आ गया है।

पिता ने कहा- न्याय चाहिए
बच्चे के पिता गिरवर सिंह ने कहा कि यह शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है। बच्चे का सिलेक्शन RTE में हुआ था। अपने स्तर पर खेतड़ी से सूचनाएं लेकर दी हैं। अटेंडेंस व मार्कशीट दी हैं, आज भी उस बच्चे का एडमिशन स्कूल में है, रिपोर्ट के बाद अब स्कूल फीस का दबाव बना रहा है, कह रहे हैं फीस दो वरना स्कूल से निकाल देंगे। मुझे मेरे बच्चे के लिए न्याय चाहिए। बच्चे के अधिकार के लिए गिरवर सिंह अब शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

मार्च 2022 में शिक्षा विभाग की विवादित रिपोर्ट
शिक्षा विभाग की टीम ने मार्च 2022 में भौतिक सत्यापन किया। टीम ने बच्चे की अटेंडेंस देखे बिना ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया। यह मामला जिला परिषद सदस्य उम्मेद सिंह ने परिषद की साधारण सभा की बैठक में उठाया। कहा कि स्कूल में बच्चा नियमित पढ़ रहा था। फिर भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने रिपोर्ट दी कि बच्चा नहीं पढ़ रहा है। पीड़ित परिवार दर-दर की ठोकरें का रहा है।

जिला परिषद की साधारण सभा में सदस्य उम्मेद सिंह ने यह मामला उठाया।
जिला परिषद की साधारण सभा में सदस्य उम्मेद सिंह ने यह मामला उठाया।

उम्मेद सिंह ने बताया कि बच्चे के पिता सब्जी का ठेला लगाकर परिवार पाल रहा है। उस पर फीस का दबाव बनाया जा रहा है। यह शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है। उनकी रिपोर्ट के कारण बच्चे को स्कूल से निकालने की नौबत आ गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष ढाका ने कहा कि खेतड़ी के राजोता स्कूल में आरटीई में एडमिशन को लेकर अनियमितता सामने आई है। प्रधानाचार्य लेवल के दो अधिकारियों की टीम बनाई है। मामले की जांच की जाएगी। जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। फिलहाल जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि ने शिक्षा विभाग के अधिकारी से 7 दिन में जांच कर रिपोर्ट तलब की है।

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