दिल्ली प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने अरविन्द केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टॉफ रोड़ स्थित शीश महल को प्रशासनिक प्रक्रियाओं के तहत छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा जबरन शीशमहल पर कब्जा करना और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बयानों साफ है कि शीश महल में छिपे शराब घोटाले, शीश महल में अवैध निर्माण, पेड़ कटाई, स्वाति मालीवाल और पूर्व मुख्य सचिव से मारपीट जैसे संवेदनशील मामलों के कई राज छिपे है, जिसकी पुष्टि सतर्कता विभाग द्वारा अधिकारियों को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगने पर स्पष्ट दिखाई देती है। पीडब्लूडी द्वारा शीशमहल को सील करना प्रशासनिक कार्यवाही है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि नियमानुसार अगर 6 फ्लैग स्टॉफ रोड़, सरकारी भवन यदि मुख्यमंत्री आतिशी को ही देना है तो आम आदमी पार्टी के नेता, मंत्री और मुख्यमंत्री सरकारी प्रक्रिया का इंतजार क्यों नही कर सकते थे? क्यों 7 अक्टूबर को बिना आवंटन के आतशी ने जबरन कब्जा करके अपना सामान रखकर अपनी निरंकुशता का परिचय दिया। क्या संवैधानिक पद पर आसीन आतिशी यह करना उचित था। जबकि अरविन्द केजरीवाल, संजय सिंह, आतिशी प्रशासनिक प्रक्रियाओं का इंतजार करना चाहिए था क्योंकि सरकारी बंगला के आवंटन में कुछ प्रशासनिक कार्यवाही होनी जरुरी होती है।
देवेन्द्र यादव ने मांग की कि यदि वास्तव में शीशमहल में शराब घोटाले के आरोपी केजरीवाल के संबध में कोई राज छिपे है और स्वाति मालीवाल और पूर्व मुख्य सचिव से मारपीट जैसें संदिग्ध मामलों के सबूत है तो उपराज्यपाल हस्तक्षेप करके सीबीआई द्वारा शीश महल को सील करने की कार्यवाही को आदेश दे सकते है, अब शीश महल के सील होने के बाद अगर कुछ गलत है वह सबके सामने आऐगा।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा शीश महल छोड़ने के बाद पहले बंगले की चाबी सौंपना फिर वापस लेना जिसके लिए पीडब्लूडी विभाग प्रवेश रंजन झा से जवाब मांग चुका है और सतर्कता विभाग झा सहित तीन अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब मांगना शीशमहल में छिपे राज की संवेदनशीलता को दर्शाता है। 1998 से 2004 स्वाति मालीवाल और पूर्व मुख्य सचिव से मारपीट पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित का बंगला 17 ए.बी. मथुरा रोड़ जब मुख्यमंत्री आतिशी को आवंटित है, तो उस बंगले में मनीष सिसोदिया के परिवार को रखकर स्वयं कालकाजी रहती थी। मैं पूछना चाहता हूं कि 3-4 महीनों के लिए शीशमहल पर कब्जा क्यों किया था? उन्होंने कहा कि नैतिकता, ईमानदारी, पारदर्शी प्रशासन और आदर्शों का ढ़ोल पीटने वाली आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया भी आतिशी की तरह जल्द ही गैर कानूनी और असंवैधानिक रुप से सरकारी बंगलों से बाहर होंगे।