आज गुरुवार 12 सितंबर को AIDYO की अखिल भारतीय कमेटी द्वारा निर्धारित अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन के तत्वाधान में दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया गया । जिसका संचालन दिल्ली राज्य सचिव मौसम कुमारी ने किया। दिल्ली राज्य कमेटी की उपाध्यक्ष रितु असवाल, मुख्य वक्ता तथा दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्र से आए लोगों ने अपनी बात रखी।
संगठन की उपाध्यक्ष ने कहा कि “जनता के टैक्स के पैसे से बनी और सबसे ज्यादा रोजगार सृजित करने वाली भारतीय रेल को मौजूदा सरकार निजीकरण और व्यावसायीकरण कर बर्बाद करने पर आमादा है। मोदी सरकार एक तरफ वंदे भारत ट्रेनें ला रही है जो सामान्य व्यक्ति की पहुंच से दूर है वहीं दूसरी ओर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में सामान्य और स्लीपर कोच कम करती जा रही है जिससे लोगों का यात्रा करना मुश्किल होता जा रहा है। आए दिन ट्रेन दुर्घटनाएं बढ़ रही है इससे लोग डर के माहौल में रेल यात्रा कर रहे हैं कि कब क्या हो जाए। रेल हादसों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और इसका मूल कारण है रेलवे कर्मचारियों की संख्या का लगातार कम होना। एक समय सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली रेलवे आज कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है। कार्यरत रेलवे कर्मियों का कार्यभार बहुत ज्यादा हो गया है। आज रेलवे में 3.50 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। सवाल उठता है कि इन खाली पदों को सरकार क्यों नहीं भर रही है?
सरकार ज्यादा पैसा वसूलने के लिए द्वितीय श्रेणी स्लीपर और जनरल कोचों की संख्या कम करके उनके स्थान पर एसी कोचों की संख्या को बढ़ा रही है जबकि जनरल और स्लीपर कोच में भीड़ इतनी है कि लोग बाथरूम में बैठकर यात्रा कर रहे हैं। प्रीमियम तत्काल के नाम पर एजेंट इन गरीब लोगों को लूट रहे हैं। सभा के बाद संगठन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा महीनो से चल रहे हस्ताक्षर अभियान के दौरान एकत्रित किए गए हजारों हस्ताक्षरों तथा ज्ञापन को रेल मंत्री के नाम रेल भवन में सौंपा गया।