उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में ग्राहकों को अधिक ब्याज देने का लालच देकर आरडी और एफडी खाता खुलवाकर उपभोक्ताओं की खून पसीने से कमाई गई रकम जमा कराने के बाद चिटफंड कंपनी फरार हो गई। कम्पनी कार्यालय में लगा ताला देख उपभोक्ता और अभिकर्ता कंपनी के भागने से परेशान हो रहे हैं। उपभोक्ताओं ने पुलिस से मामले की जांच करा कार्रवाई की मांग की है।
बुन्देलखण्ड के महोबा जिले में चिटफंड कंपनियों के द्वारा जनता की रकम वसूलने का सिलसिला जारी है। विगत कुछ सालों में कई कंपनी पैसा जमा कराने के बाद रफूचक्कर हो चुकी हैं। शहर के गांधी नगर में चिटफंड कंपनी ने कार्यालय खोला और अभिकर्ता के जरिए उपभोक्ताओं को अधिक ब्याज देने का लालच देकर पैसा जमा कराया गया।
कुलपहाड़ निवासी ग्याप्रसाद और उसकी पत्नी सुनीता ने 700 रुपये प्रतिदिन की दर से खून पसीने की कमाई का पैसा जमा किया दोनों ने 2 लाख 55 हजार रुपये जमा करा दिए। बेटी की शादी के लिए जमा रकम कंपनी लेकर चंपत हो गई। बताया जा रहा है कि कंपनी के द्वारा पास बुक जारी कर उपभोक्ताओं की रकम जमा कर रकम की इंट्री करने का काम किया जा रहा था। कुलपहाड़ निवासी पुष्पा ने 36 हजार, बाबूलाल ने 1 लाख 10 हजार, जितेंद्र ने 18 हजार, निधि ने 50 हजार, ज्योति ने 1 लाख 16 हजार, रमजान मोहम्मद ने 18 हजार 715, प्रवीण ने 80 हजार, सचिन ने 36 हजार, सोनू ने 96 हजार, मुकेश विश्वकर्मा ने 36 हजार जमा किए कंपनी डेढ़ करोड़ रुपये लेकर चंपत हो गई। सोमवार को ग्राहक और एंजेंट कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो कंपनी कार्यालय में लगा ताला देखकर होश उड़ गए। ग्राहकों का कहना है कि ब्रांच मैनेजर देवेंद्र का मोबाइल बंद जा रहा है। फ्रेंचाइजी पार्टनर आमिर अली का भी कोई सुराग नहीं लग रहा है।
एजेंट आफताब, रानू अली, जाकिर अली आदि का कहना है कि ग्राहक उन पर पैसा के लिए दबाव बना रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जांच कराई जा रही है जांच के आधार पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है कि लगभग डेढ़ करोड़ की रकम जमा कराने के बाद कंपनी फुर्र हो गई है। पुलिस ग्राहकों के द्वारा बताए गए नाम पता के आधार पर छानबीन कर रही है। उपभोक्ताओं ने सदर तहसील पहुँचकर उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर पैसा दिलाने की गुहार लगाई है।