सीकर-नीमकाथाना : सीकर के चीपलाटा गांव में डीएसटी जवान कॉन्स्टेबल प्रहलाद सिंह का शनिवार दोपहर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। जवान के 5 साल के बेटे चिराग ने पिता को मुखाग्नि दी। पत्नी रीना कंवर का आखिरी वक्त तक पति की मौत की जानकारी नहीं थी, उसे पता लगा तो वह बेहोश हो गई।
दौसा में बाइक चोर की फायरिंग में घायल कॉन्स्टेबल प्रहलाद सिंह (34) ने शुक्रवार सुबह जयपुर के SMS हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। शनिवार सुबह तिरंगा यात्रा के साथ पार्थिव देह को 11.15 बजे नीमकाथाना के पैतृक गांव चीपलाटा के खातीवाला में घर लाया गया। बेटे के गम में मां कुछ बोल भी नहीं पा रही। कॉन्स्टेबल की पत्नी बेसुध हो गई और रोते हुए बार-बार बेहोश हुई।
महिलाओं ने संभालते हुए मां और पत्नी को प्रहलाद के अंतिम दर्शन करवाएं। इस दौरान सीकर आईजी सत्येंद्र सिंह, नीमकाथाना कलेक्टर श्रुति भारद्वाज, एडीजे दिनेश एमएन, सीकर सांसद सुमेदानंद सरस्वती समेत ग्रामीणों, पुलिस के जवानों ने कॉन्स्टेबल प्रहलाद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पार्थिव देह को एक बजे घर से मोक्षधाम के ले जाया गया। जहां गार्ड ऑनर देकर राजकीय सम्मान के साथ पुलिस जवान का अंतिम संस्कार किया गया। पांच साल के बेटे चिराग ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ा भाई रणवीर जोर से रो पड़ा, जिसे लोगों ने संभाला।
पार्थिव देह शनिवार सुबह 9.15 बजे जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल से प्रहलाद सिंह की पार्थिव देह सीकर के थोई थाने पहुंची थी। जहां से थोई थाने से पैतृक गांव चीपलाटा के खातीवाला तक 13 किलोमीटर तक बाइक तिरंगा रैली निकाली गई। जो 10.30 बजे तक घर से तीन किलोमीटर दूर चीपलाटा बस स्टैंड पर पहुंची। देशभक्ति गीतों के साथ हाथों में तिरंगा लेकर युवा भारत माता की जय और प्रहलाद जिंदाबाद के नारे लगाते हुए चल रहे थे। रैली में करीब 500 लेकर सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों ने बताया कि प्रह्लाद एक महीने पहले ही गांव आया था।
कॉन्स्टेबल की पत्नी रीना को अभी तक उसके दम तोड़ने की सूचना नहीं दी गई थी। वहीं तिरंगा के चिपलाटा गांव के आसपास पहुंचते ही घर पर लोगों को जुटना शुरू हो गया। परिवार को घटना की जानकारी होते ही कोहराम मच गया। कॉन्स्टेबल की मां भंवर कंवर की हालात तो ऐसी हो गई है कि वो कुछ बोल नहीं पा रही हैं। वहीं, पत्नी रीना रोते हुए बार-बार बेहोश हो रही है। ऐसे में रिश्तेदार परिवार को संभाल रहे हैं।
शुक्रवार को जवान की मौत की खबर आते ही पूरे गांव में सन्नाटा छा गया। इसके बाद से चिपलाटा, खातीवाला, थोई सहित अन्य गांवों के बाजार कॉन्स्टेबल के सम्मान में बंद हैं। अंतिम संस्कार के बाद ही बाजार खोले जाएंगे।
शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत ने मृतक कॉन्स्टेबल के परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति, एक आवास और कृषि कनेक्शन दिए जाने का भी ऐलान किया गया।
शहीद का दर्जा देने की मांग
ग्रामीणों ने प्रहलाद को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर सरकार प्रहलाद को शहीद का दर्जा नहीं देगी तो थोई रोड (सीकर-नीमकाथाना) को जाम करेंगे। प्रहलाद सिंह के घर में पिता मालूराम, मां भंवर कंवर, पत्नी रीना, एक बेटा और एक बेटी हैं। एक महीने पहले ही वे छुट्टी लेकर गांव पहुंचे थे और परिवार के साथ अच्छा वक्त बिताया था। इस मौके पर उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ तस्वीरें खिंचवाई थीं।
2008 में हुए थे पुलिस में भर्ती
प्रहलाद दौसा के सदर थाने में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात थे और पुलिस की जिला स्पेशल टीम (DST) का हिस्सा थे। 10 जुलाई 1989 को जन्मे प्रहलाद 2008 में पुलिस में भर्ती हुए थे। 12 मई 2021 से दौसा में डीएसटी में थे।
दौसा में सिकंदरा थाना इलाके के रेटा गांव में बुधवार (23 अगस्त) सुबह 8.45 बजे 2 बाइक चोरों से पुलिस की जिला स्पेशल टीम (DST) की मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान एक बदमाश ने प्रहलाद के सिर में गोली मार दी थी। घायल प्रहलाद को फाइनेंस कंपनी की जीप में दौसा हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद बुधवार दोपहर एसएमएस हॉस्पिटल रेफर किया गया था। जहां शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया था।