जयपुर : जयपुर की वैष्णवी शर्मा मिस राजस्थान बन गई हैं। अब वे मिस दीवा के ऑडिशन राउंड तक पहुंच गई है। वैष्णवी ने पांच हजार गर्ल्स को पीछे छोड़ते हुए विनिंग क्राउन जीता है। एक वक्त था जब वैष्णवी को नहीं बता था कि लाइफ में क्या करना है। उन्होंने बताया- साथी बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट बनने की बात करते थे। मुझे कुछ पता ही नहीं था कि मैं आगे क्या करूंगी।
वैष्णवी का अब लक्ष्य नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर भारत का नाम रोशन करना है। वे फिल्मों में भी काम करने को लेकर प्लान कर रही है। बिड़ला ऑडिटोरियम में हुए मिस राजस्थान के फिनाले में वैष्णवी को विनिंग क्राउन के साथ एक लाख रुपए का चैक भी मिला है। इसके अलावा बॉलीवुड कोरियोग्राफर पप्पू मालू उन्हें एक वीडियो एलबम के जरिए लॉन्च भी करने वाले है। वैष्णवी ने मीडिया के साथ अपनी जर्नी को शेयर किया और आगे के प्लान के बारे में बताया…
अब तक की जर्नी कैसी, क्या बदलाव देखती है?
वैष्णवी: बहुत कुछ सीखने को मिला, खुद को जाना है और अच्छे से समझा है। बहुत सारी अपॉच्यूनिटीज मिली। मिस राजस्थान ऐसा प्लेटफॉर्म रहा, जहां मैंने खुद को निखारा। रैम्पवॉक से लेकर पर्सनैलिटी डवलपमेंट, कम्यूनिकेशन सहित कई विषयों पर मेंटोर्स ने काम किया और मुझे बेहतर बनाया। यह जर्नी अभी शुरू हुई है, अभी बहुत आगे जाना है। इस राह में एक मुकाम बनाना है और ईमानदारी के साथ अपना काम करना है।
कब लगा कि आपको मॉडलिंग में आना चाहिए और इसमें कॅरियर बनाना चाहिए?
वैष्णवी: सच कहूं तो 2022 का जब दौर था, यानी कोराना का समय। इस दौर में सभी अपने घरों में ही सिमट गए थे। उस समय मैंने फील किया कि मॉडलिंग में काम करना चाहिए। कोविड के दौर में जब घराें में थे तो कुछ नहीं होता था, रील्स देखती थी, इंस्टाग्राम देखती थी, टीवी पर फैशन इवेंट्स से इंस्पायर हुई। फिर लगा कि यह बेहतर माध्यम है, अपनी एक जगह बनाने का। ड्रीम को फॉलो किया और आज मैं इस जगह पर हूं। यह एक सपने जैसा रहा है, लेकिन खुशी यह है कि खुद में बड़े बदलाव देखने को मिला और नामचीन लोगों से एप्रिशिएशन मिला।
यहां आपने कितना सीखा और आगे के लिए क्या लक्ष्य बनाया है?
वैष्णवी: मैं बहुत एम्बिशियश हूं, मैं बहुत कुछ करना चाहती हूं। मैंने बहुत सारे सपने अभी देखे है, उनको पूरा करने के लिए निकल चुकी हूं। मिस इंडिया और मिस दीवा मेरा अगला लक्ष्य है। नेशनल लेवल पर अपने देश काम नाम रोशन कर सकूं। इसके बाद मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स में इंडिया का नाम रोशन कर सकूं। मेरे सपनों को उड़ान मिल चुकी है, अब इन्हें मुकाम देना ही मेरा अगला लक्ष्य है। मैं इंडियन हूं और यह मुझे गर्व प्रदान करता है, अब समय अपने देश के नाम को रोशन करने का है और इसी दिशा में काम करना है।
फैमिली ने कितना सपोर्ट किया, आपको लगता है उनका मोटिवेशन कितना जरूरी था?
वैष्णवी: इस मामले में मैं खुद को बहुत लकी मानती हूं। मेरे माता-पिता बहुत सपोर्टिव है। मुझे लाइफ में हमेशा से ही सपोर्ट किया। उनके साथ के चलते ही मैं यह सब कर पाई हूं। मेरे पापा यह कहते है कि बेटा जो दिल में हो वह करना चाहिए, दिल का किया सुकून देता है। वो इस चीज में बिलीव करते हैं कि आप अपनी पसंदीदा चीज में हारते है, तो दुख नहीं होता है। इसलिए वह चीज ट्राई करनी चाहिए, जो आपकी दिल की इच्छा है। मैं अपने पैरेंट्स की वजह से ही अपने ड्रीम को पूरा कर पा रही हूं। मेरे पैरेंट्स उन सभी पैरेंट्स के लिए उदाहरण है, जो अपने बच्चों को सपोर्ट नहीं करते है या उनकी फीलिंग नहीं समझ पाते है। क्योंकि पैरेंट्स का सपोर्ट बहुत जरूरी है, इसी के चलते बच्चों की ओवरओल ग्रोथ हो पाती है।
इस दौरान कोई ऐसा चैलेंजिंग टाइम आया हो, जिसने आपको परेशान किया हो या रूकावट बना हो?
वैष्णवी : लाइफ में हमेशा उतार-चढ़ाव आते है, यह लाइफ बहुत कुछ सिखाती है। जब स्कूल टाइम में थी, तब ऐसा फील हुआ। उस समय नाइंथ या टेंथ में मेरा सेक्शन चेंज हो गया, दोस्त अलग-अलग हो गए। मैं उस समय अकेला फील करती थी, किसी से बात नहीं कर पाती थी। 10वीं में जब सब्जेक्ट चूज करते हैं, तो किस तरफ जाना है पता नहीं होता था। सभी बच्चे बात करते थे और सब्जेक्ट का चयन करते थे। मैं उस समय किसी से डिस्कश भी नहीं कर पा रही थी। उस समय क्लास के साथी बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, पायलट बनने की बात करते थे और मुझे कुछ पता ही नहीं था कि मैं आगे क्या करूंगी। मेरे पास कोई टॉपिक ही नहीं होता था बात करने के लिए। मैंने बाद में आकर ये सब चीजें डिस्कवर की। इसी वजह से मैं अक्सर बैचेन रहती थी और आंसर्स ढूंढ़ने की कोशिश करती रहती थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करना है? फिर कोरोना काल में अकेलेपन में ही अपनी राह मिली और यहां पहुंची।
आपकी आइडल कौन है, किससे इंस्पायर हुई है?
वैष्णवी: मेरे बहुत सारे आइडल है, जिन्हें देखकर मैंने खुद के सपने बनाए है। स्पेशली प्रियंका चाेपड़ा उनमें से एक है, जिन्होंने अपनी एक जर्नी बनाई और वर्ल्ड लेवल पर खुद को साबित किया। वो बरेली से है और मेरा जन्म भी बरेली में ही हुआ है। हालांकि जयपुर में पली बढ़ी हूं, एमजीडी से पढ़ाई की है। प्रियंका का जो कॉन्फिडेंस लेवल है, उसे कोई मैच नहीं कर सकता है। उन्हीं को देखकर खुद में कॉन्फिडेंस जगा है। इंडिया को जिस तरह से उन्होंने ग्लोबली प्राउड फील करवाया है, वह काबिलेतारीफ है। उनके जितना तो नहीं, लेकिन थोड़ा बहुत अचीव जरूर करना चाहती हूं।
मॉडलिंग के बाद अक्सर फिल्मों की तरफ रूख कर लिया जाता है, आपका क्या प्लान है?
वैष्णवी: यह सही बात है कि फैशन के बाद बॉलीवुड के सपने देखे जाते है, मैंने भी वह सपना देखा है। इस दिशा में काम करना है और यहां भी अपना नाम कमाना है। मैं लिमिटेशन पर बिलिव नहीं करती हूं, मॉडलिंग कर रही हूं तो सिर्फ रैम्पवॉक ही करना है। मैं बॉलीवुड में काम करना चाहती हूं, फिल्मों में दिखना चाहती हूं और यह जरूर करूंगी। हम सभी को डायवर्स भी होना चाहिए, एक्टिंग भी आनी चाहिए। रैम्प पर भी चलना चाहिए। हॉल डायवर्सिटी पर ग्रोथ करना बेहद जरूरी है।
फ्रेंडशिप डे के मौके आपने ताज जीता, किस तरह सेलिब्रेट किया, दोस्तों से बात हुई?
वैष्णवी: जीतने के बाद बहुत से दोस्तों के मैसेज आए, उस वक्त सही बताउं तो यह भी पता नहीं था कि फोन रखा हुआ कहां पर है। मैंने बाद भी दोस्तों के मैसेज देखे। उस समय फैमिली साथ ही थी, उनके साथ इस सक्सेस को सेलिब्रेट कर रही थी। दोस्तों का साथ हमेशा बना हुआ था, सभी मुझे समय-समय पर प्रोत्साहित करते थे और उनकी साथ की वजह से एक अलग तरह का मोटिवेशन बना रहा। इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप स्टेट्स के जरिए मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।