खेतड़ी : खेतड़ी तहसील को नवगठित नीमकाथाना जिले में शामिल करने के बाद अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं। मंगलवार को बाढ़ा की ढाणी के ग्रामीणों ने गुढ़ागौड़जी तहसील में शामिल करने का विरोध जताते हुए खेतड़ी तहसील में ही रखने की मांग की है। इस दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर खेतड़ी तहसील में शामिल करने की मांग की है।
ग्रामीणों की ओर से एसडीएम जय सिंह को दिया ज्ञापन में बताया कि राजस्व गांव बाढ़ा की ढाणी मानोता जाटान पंचायत के अधीन आता है, जिसमें कुल 11 वार्ड हैं। पंचायत में 7 वार्ड की संख्या बाड़ा की ढाणी गांव में आती है और बाकी 4 वार्ड मानोता जाटान के अधीन आते हैं, जो पूर्व में खेतड़ी तहसील के अधीन थे तथा गिरदावर हल्का जसरापुर होता था।
नीमकाथाना जिला बनने के साथ खेतड़ी तहसील नीमकाथाना अधीन हो जाने से बाड़ा की ढाणी को गुढ़ागौड़जी तहसील में शामिल कर दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि ढाणी बाढ़ान से गुढ़ागौड़जी तहसील का मुख्यालय 42 किलोमीटर पड़ता है, जबकि खेतड़ी तहसील की दूरी मात्र 20 किलोमीटर ही है।
सैनिक बाहुल्य गांव होने के चलते ज्यादातर सैनिक परिवार गांव में ही निवास करते हैं। गांव से गुढ़ागौड़जी की दूरी अधिक होने व संसाधनों का अभाव होने के कारण तहसील मुख्यालय पर जाना लोगों के लिए असंभव सा हो जाएगा। वहीं ग्रामीणों को राजस्व संबंधित कार्य के लिए दो जिलों के चक्कर लगाने पड़ जाएंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि दो जिलों के अधीन कार्य व्यवस्था होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर पूर्व में शामिल खेतड़ी तहसील में ही रखने की मांग की है। इस मौके पर जिला परिषद सदस्य उम्मेद सिंह निर्वाण, सुरेंद्र सिंह फौजी, पार्षद लीलाधर सैनी, सरजीत सिंह, रणधीर सिंह, राजपाल सिंह, दिनेश कुमार, अजय सिंह, राजवीर सिंह, कुंदन सिंह, करण सिंह, सज्जन सिंह, विशाल सिंह, युवराज सिंह, सुरेश सिंह, पवन कुमार, सुंदर सिंह, रतन सिंह, प्रदीप सिंह, विक्रम सिंह, शंकर सिंह, गोविंद सिंह, गिरवर सिंह, राजेंद्र सिंह, दिनेश कुमार, हजारी सिंह, मनोहर सिंह, आशीष कुमार सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।