झुंझुनूं : धोरों में नजर आ रही यह फोटो किसी ट्रेन की नहीं बल्कि एक सरकारी स्कूल की है। इस स्कूल में दाखिल होने पर आप चौंक जाएंगे कि कहीं रेलवे स्टेशन तो नहीं पहुंच गए। बच्चों को आकर्षित करने के लिए स्कूल को ट्रेन के डिब्बे का लुक दिया गया है। यह एजुकेशनल ट्रेन विद्यार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है। विद्यालय को दूर से देखने पर ऐसा लगता जैसे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन खड़ी हो।
स्कूल का रेलवे स्टेशन की तरह ही नामकरण भी किए गए हैं। प्रधानाध्यापक कार्यालय को इंजन का रूप दिया गया है तथा नौ कमरों को डिब्बों की तरह सजाया गया है। इसमें एक कमरे में आगंनबाड़ी संचालित है।
कार्यग्रहण के साथ ही जिम्मा उठाया
झुंझुनूं के दुलचास में स्थित यह विद्यालय कक्षा 1 से 8 तक संचालित है। फिलहाल स्कूल में 65 नामांकन है। वहीं 5 अध्यापक कार्यरत हैं। प्रधानाध्यापक संदीप चाहर भूतपूर्व सैनिक हैं। जनवरी 23 में ही उन्होंने यहां कार्यग्रहण किया था। ग्रीष्मावकाश में विद्यालय आकर गांव के भामाशाह व विद्यालय स्टाफ के सहयोग से इस विद्यालय की सूरत बदलने का कार्य किया है।
ऑपन जिम व वाटिका
स्कूल के मैदान में दूब घास एवं पौधों से वाटिका बनाई जा रही है। वही विद्यालय परिसर में ओपन जिम, वाटर कूलर, शौचालय बनाया गया है। विद्यालय का रंग रोगन करने में अध्यापिका अनीता देवी जो मई में सेवानिवृत्त हुई हैं, उन्होंने 51000 रुपए का सहयोग किया। इसके अलावा गांव के भामाशाह व स्टाफ ने मिलकर सहयोग किया है। प्रधानाध्यापक संदीप चाहर ने बताया कि अक्सर लोगां के मन में यह धारणा होती है कि सरकारी स्कूलां में पढ़ाई नही होती है। इस सोच को बदलने के लिए मेहनत कर रहे है। इसके सभी सहयोग मिल रहा है।