जयपुर : मुझे याद है जब मैं 5-6 साल की थी तब पिताजी और दादाजी से इंस्पायर हो कर कथावाचन और भजन गाना शुरू किया था। आज प्रभु के आशीर्वाद से लोगों को मोटिवेट भी कर रहीं हूं।
मोटिवेशनल स्पीकर और कथा वाचक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली जया किशोरी अपनी शुरुआत के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि पूरा परिवार इस काम से जुड़ा था तो बचपन से ही घर में ऐसा माहौल था तो मैंने बहुत कम उम्र में ही संस्कृत के कई श्लोक याद कर लिए थे।
जया भजनों के अलावा, नानी बाई रो मायरा और श्रीमद्भागवत कथा के लिए जानी जाती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों समेत यूथ से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत की।
राजस्थान के एक छोटे से जिले सुजानगढ़ से ताल्लुक रखने वाली जया ने कम उम्र में ही अपनी एक पहचान बना ली थी। आज उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग जुड़े हैं। वे विदेशों में भी भागवत कथा के लिए काफी फेमस हैं।
जया ने बदलते वक्त से साथ खुद को इम्प्रूव करते हुए सोशल मीडिया का रुख किया तो उनकी रील्स और वीडियोज वायरल होने लगे।
वे कहती हैं कि यूथ को मोटिवेट करना बेहद जरूरी था। कथा सुनने तो लोग आते ही हैं लेकिन सोशल मीडिया के जरिए मेरे जैसे युवाओं को धर्म का ज्ञान देना आवश्यक था।
लेकिन, सोशल मीडिया को उतना ही यूज करती हूं जितना कि वो मेरी पर्सनल लाइफ में पॉजिटिव रहे। कई अफवाहें ऐसी होती हैं जो आपकी पर्सनल लाइफ को इफेक्ट करती हैं। मैं ऐसी चीजों से बिल्कुल दूर रहती हूं।
शादी के सवाल पर जया किशोरी
टू बी वेरी ऑनेस्ट मैं अपनी पर्सनल लाइफ काफी पर्सनल रखती हूं। मुझे अच्छा लगता है कि उसे लेकर कोई जजमेंट न दे पाए। जिस दिन होगी छुपाकर नहीं रखूंगी। आप सबको डेट पता होगी। पर जब तक नहीं हो रही है, तब तक मतलब नहीं है।
भगवान की कृपा से मेरे वेरिफाइड पेज हैं। ताकि किसी को कोई कंफ्यूजन ना हो कि सच क्या है झूठ क्या है। तो प्लीज आप वेरीफाइड पेजों पर ही जाएं और समझे कि जो वहां दिखाया जा रहा है वही सच है। जब तक नहीं बताया जा रहा है शादी के बारे में, तब तक नहीं हो रही है। शादी होगी, कब होगी पता नहीं, लेकिन अभी कोई ऐसी प्लानिंग नहीं है।
अपने प्रोफेशनल को लेकर जया का कहना था कि लोग ग्लैमर की दुनिया के प्रति ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं। मैंने अध्यात्म का रास्ता चुना, पता नहीं डेस्टिनी थी या कुछ और.. अपने आप रास्ते बनते गए और अपने आप काम होता गया। मेरी शुरुआत पर तो नहीं लेकिन 16-17 साल की उम्र में मुझे ऐसा लगा कि यही करना है और चेंज नहीं करना है।
भागवत या मोटिवेशन
जया अपने मोटिवेशनल स्पीकर होने पर कहती हैं कि कथावाचन एक अलग चीज है और मोटिवेशनल स्पीच एक अलग चीज..
कथावाचन एक स्पेसिफिक चीज, उसमें कोई चेंज नहीं कर सकते हैं। उसमें श्रीमद् भागवत कथा है, तो उसे वैसे ही करना है।
लेकिन, मोटिवेशन में आप परोजाना नए टॉपिक्स के साथ आ सकते हैं। इसमें आपको सिलेबस नहीं पता होता है कि आपको क्या करना है। आपको बताया जाता है कि इस टॉपिक पर लोग जानना चाहते हैं। ये मेरे लिए एक नया चैलेंज है, रोजाना मुझे कुछ ना कुछ नई चीज पर बात करनी होती है।
यूथ निराश ना हों-
युवाओं में बढ़ती निराशा और सुसाइड के मामले पर जया किशोरी ने कहा कि हमें यह मान लेना चाहिए कि अच्छा भी हो सकता है बुरा भी हो सकता है। पास भी हो सकते हैं फेल भी हो सकते हैं। जब दोनों चीजें आप 50-50 मान कर चलते हैं तो आप दोनों के ही सॉल्यूशंस निकाल सकते हैं।
अगर पास हो गए तो क्या करेंगे? और फेल हो गए तो उसको भी कैसे हैंडल करेंगे। अपने आप को किसी और से कम्पेयर करना बंद कर देना चाहिए। वह इंसान मेरे से ज्यादा सक्सेसफुल हो गया और मैं इतने में ही रह गया। कई लोग हैं जिनको सक्सेस पाने में टाइम लगता है, कई यंग ऐज में ही सक्सेस हाे गए हैं। सबका अपना-अपना टाइम होता है अपना बेस होता है। आप भी अपने टाइम पर सक्सेस हो जाएंगे।
बस आपको इतना करना है कि आप मेहनत कर रहे हैं, आप ईमानदार हैं, आप अपने काम से पीछे नहीं हट रहे। सफलता जिस दिन मिलनी होगी करेक्ट टाइम आएगा, उस दिन आपको मिल जाएगी।