हरियाणा : प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी पर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। अब निजी स्कूल संचालकों को हर रोज एक घंटा अभिभावकों को मिलने का समय देना होगा। यही नहीं स्कूल के सूचना पट्ट पर बाकायदा नोटिस चस्पा करना होगा। शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सभी निजी स्कूल संचालकों के प्राचार्यों व मुख्याध्यापकों को स्पष्ट हिदायत दी है कि अभिभावकों को रोज एक घंटा मिलने का शेड्यूल निर्धारित करना होगा।
शिक्षा निदेशालय के पास अभिभावकों की शिकायतें पहुंची थी कि जब वे स्कूल में मुख्याध्यापक व प्राचार्य से मिलने जाते हैं तो उन्हें रिस्पेशन या फिर वेटिंग रूप में घंटों बैठाया जाता है और कई बार तो उन्हें बिना मिले ही वापस लौटना पड़ता है। लिहाजा निजी स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा सकते हुए शिक्षा निदेशालय ने मुख्याध्यापकों को हर रोज अभिभावकों को मिलने का निर्देश दिया है।
शिक्षा निदेशालय ने मांगी विद्यालयों के खाली पड़े भवनों की सूचना
सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के बाद खाली हुए भवनों की विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने जिलावार स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। निदेशालय की ओर से जिला अधिकारियों को लिखे पत्र में जिलावार विद्यालयों के खाली पड़े भवनों की सूचना भेजने का निर्देश दिया है। निदेशालय की ओर से फार्मेट भेजा गया है, इसमें विद्यालय का नाम व संख्या सहित उसकी श्रेणी यानी कि प्राइमरी, मिडिल, हाई या फिर सेकेंडरी स्कूल है, यह सूचना मांगी है।
अब 12 हजार अतिथि अध्यापकों को एलटीसी की सौगात
नियमित शिक्षकों की तरह अब अतिथि अध्यापक भी सैर-सपाटा कर सकेंगे। शिक्षा विभाग ने 12 हजार अतिथि अध्यापकों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) देने का फैसला लिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिला अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अतिथि अध्यापकों को भारत भ्रमण या किसी ऐतिहासिक, धामिक व पर्यटन स्थल पर जाने के लिए एलटीसी दी जाएगी। अतिथि अध्यापकों को ब्लाक वर्ष 2020-233 के लिए एलटीसी दी जाएगी।