नई दिल्ली : महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली है। नाबालिग पहलवान के मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी है। सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई है। रद्द करने की रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलता है।
पिछले कई माह से भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह चर्चा में बने हुए हैं। अब तीन कार्यकाल पूरे होने के कारण बृजभूषण भले ही अब भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष नहीं बन पाएंगे लेकिन उनके परिवार के कई लोग आज भी संघ के अहम पदों को संभाल रहे हैं।
बृजभूषण शरण सिंह भाजपा की टिकट पर गोंडा जिले की कैसरगंज सीट से लोकसभा सांसद हैं। उनका जन्म 8 जनवरी 1957 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले अंतर्गत एक गांव बिसनोहरपुर में हुआ। उनके पिता का नाम जगदम्बा शरण सिंह और माता का नाम प्यारी देवी सिंह है।
स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय चंद्रभान शरण सिंह के चचेरे पौत्र बृजभूषण शरण सिंह को राजनीति विरासत में मिली। उनके चचेरे बाबा विधायक थे। साल 1981 में बृजभूषण शरण सिंह की शादी केतकी देवी सिंह के साथ हुई।
केतकी देवी सिंह और बृजभूषण शरण सिंह के चार बच्चे हुए। जिसमें तीन बेटे और एक बेटी है। बेटों का नाम प्रतीक भूषण सिंह, करण भूषण सिंह और शक्ति शरण सिंह है जबकि बेटी का नाम शालिनी सिंह हैं। उनके एक बेटे शक्ति शरण सिंह की महज 22 साल की उम्र में मौत हो चुकी है। शक्ति ने साल 2004 में नवाबगंज में अपने पैतृक घर में कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह गोंडा की सदर सीट से विधायक हैं। प्रतीक गोंडा की सदर सीट से लगातार दूसरी के विधायक हैं। अप्रैल में सरकार द्वारा कार्यकारी परिषद को भंग करने से पहले बृज भूषण के बेटे करण भूषण डब्ल्यूएफआई के उपाध्यक्ष थे। करण को साल 2018 में उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया था।
बृजभूषण की पत्नी केतकी देवी सिंह सांसद रह चुकी हैं। दरअसल, बृजभूषण को 1996 में टाडा के तहत दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया। टाडा में बंद होने के कारण बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी देवी को बीजेपी ने गोंडा लोकसभा से टिकट दिया और केतकी देवी ने लगभग 80,000 मतों से चुनाव में जीत दर्ज की थी।