झुंझुनूं : फीस नहीं चुकाई तो क्लास से निकाला:अब 10 रूपए में बच्चों को करवा रहे है कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी, मैथ्स और रिजनिंग की दे रहे है क्लास

झुंझुनूं : मैथ्स और रिजनिंग की दस रूपए में कोचिंग क्लास् सुनने में थोड़ा अजीब है, लेकिन झुंझुनूं शहर में ऐसी ही क्लास संचालित हो रही है। जरूरतमंद स्टूडेंट को दस रूपए में मैथ्स और रिजनिंग की क्लास दी जा रही है। पिछले तीन महिने से झुंझुनूं का एक युवक इस काम में लगा हुआ है।

अब 10 रूपए में बच्चों को करवा रहे है कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी
अब 10 रूपए में बच्चों को करवा रहे है कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी

झुंझुनूं से 10 किलोमीटर दूर ढ़िगाल निवासी सुमित झुंझुनूं के मण्डावा मोड़ पर जरूरतमंद स्टूडेंट्स को दस रूपए में मैथ्स और रिजनिंग की क्लास देकर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करवा रहा है।

सुमित ने कोचिंग की शुरूआत तीन महिने पहले की थी। पहले महिने में 10 बच्चें ही क्लास में शामिल हुए। धीरे धीरे बच्चे बढ़ते गए आज 50 से ज्यादा स्टूडेंट दस रूपए में कोचिंग ले रहें है। स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ धीरे धीरे बढ़ती जा रही है।

दो घंटे की क्लास

अध्यापक सुमित ने बताया कि तीन महिने से खाली समय का सदुपयोग करने के लिए एवं अशिक्षित समाज में शिक्षा का अलख जगाने के लिए वह गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं। सुबह 10 से 12 बजे तक वे निशुल्क कोचिंग चलाते हैं। इनमें गरीब बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। उन्हें लगता था कि ऐसे युवा जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाते हैं, उन्हें इस तरह की सुविधाएं मुहैया कराना बेहद जरूरी है।

फीस नहीं भरी तो क्लास निकाल दिया

अध्यापक सुमित के संघर्ष की कहानी शुरू होती है छठी क्लास सें। सुमित को छठी क्लास में फीस नहीं देने के कारण स्कूल से निकाल दिया गया था। उस समय सुमित को काफी बुरा लगा। सुमित ने उसी दौरान ठान ली थी की बच्चों को कम से कम फीस में शिक्षा उपलब्ध करवाएगा। प्राइवेट स्कूल से निकलने के बाद सुमित ने गांव की ही सरकारी स्कूल में दाखिल लिया, 8 वीं की तक पढ़ाई गांव में ही पूरी की। उसके बाद झुंझुनूं आकर सरकारी स्कूल में 12 वीं तक पढ़ाई की। 12 वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए सुमित को काफी संघर्ष करना पड़ा। क्योकि सुमित के परिवार की हालात ठीक नहीं थी। सुमित के पिता चाय बेचकर परिवार का पालन पोषण करते थे। आज भी झुंझुनूं में उनकी चाय की दुकान है। सुमित ने 12वीं के बाद छोटे छोटे बच्चों को टयूशन देकर अपनी पढ़ाई की फीस चुकाई।

अब 10 रूपए में बच्चों को करवा रहे है कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी
अब 10 रूपए में बच्चों को करवा रहे है कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी

आर्थिक हालात ठीक नहीं

सुमित ने बताया कि शुरुआत में इस काम में कई रुकावटें आईं, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं खोया। इस काम के लिए परिवार व दोस्तों ने काफी सहयोग किया। सुमित ने मैथ्स से एमएससी की है। सुमित दो भाईयां में छोटा है। बड़ा भाई कपडे़ की दुकान पर काम करता है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद जरूरतमंद बच्चों को ना मात्र फिस में कॉम्पिटिश एग्जाम की तैयारी करवा रहें है।

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