उत्तर प्रदेश : पूजा स्थल कानून खत्म होने से फैलेगी अराजकता, मुस्लिम बोर्ड ने कहा- सरकार सख्ती से लागू करे इसे

उत्तर प्रदेश : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उपासना स्थल कानून का लगातार उल्लंघन किये जाने पर चिंता जताई है। बोर्ड ने कहा कि इस कानून के खत्म होने से देश के अंदर विभिन्न धर्म के मानने वालों के बीच अराजकता फैलेगी। बोर्ड ने सरकार से इसे सख्ती से लागू करने की मांग की।

इंदौर के महू स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया बनजारी में आयोजित दो दिवसीय इजलास के अंतिम दिन रविवार को बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को सभी धर्म के लिए नुकसानदेह बताया। कहा गया कि देशभर में नफरत का माहौल तैयार कर भाईचारा व सौहार्द खत्म किया जा रहा है।

सम्मेलन में 11 प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें पूजा स्थल कानून, यूनिफॉर्म सिविल कोड के अलावा भीड़ हिंसा, बुलडोजर संस्कृति, समलैंगिक विवाह को कानूनी दर्जा देने की कोशिश आदि पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। बोर्ड ने इन मुद्दों की गंभीरता व देशवासियों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला बताते हुए सरकार से इन पर रोक लगाने की मांग की।

ज्ञानवापी और मथुरा पर भी हुई चर्चा
बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि पूजा स्थल कानून का उल्लंघन कर ज्ञानवापी, मथुरा ईदगाह को लेकर निचली अदालत के फैसले व देश भर में तमाम मस्जिदों पर हमलों को लेकर बोर्ड ने चिंता जताई। बोर्ड का मानना है कि मस्जिदें किसी की जमीन पर कब्जा करके नहीं बनाई जा सकती हैं।

देश में धर्म के प्रचार के लिए पूरी आजादी : रहमानी

उधर, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इजलास में अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफउल्लाह रहमानी ने कहा कि देश में हर नागरिक को किसी भी धर्म को अपनाने व मानने का बुनियादी अधिकार संविधान ने दिया है। साथ ही धर्म का प्रचार करने की भी पूरी आजादी दी गई है। इसके बावजूद कई प्रदेश में कानून बनाकर नागरिकों को इन अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की गई है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संपत्तियों की हिफाजत पर भी की चर्चा

बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि वर्तमान समय में न्याय व अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करने वालों को सरकारों ने कानून को दरकिनार कर जेल भेजने की परंपरा शुरू की है। बोर्ड ने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए निंदा की। मौके पर वक्फ संपत्तियों की हिफाजत पर चर्चा हुई।
अध्यक्ष ने कहा कि वक्फ जायदाद दीनी और इंसानी जरूरतों के लिए मुसलमानों की तरफ से दी जाने वाली जायदाद है। इनको धार्मिक व कानूनी तौर पर जिस मकसद के लिए कायम किया गया है उन्हीं पर खर्च करना जरूरी है।

इजलास में बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजददिदी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना सज्जाद नोमानी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, असदुद्दीन ओवैसी, कमाल फारूकी, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, सचिव मौलाना बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी, मौलाना तौकीर रजा आदि शामिल रहे।

 

बोर्ड का निकाहनामा करें इस्तेमाल

बोर्ड ने अपने निकाहनामे का इस्तेमाल करने की मुसलमानों से अपील की है। इसमें शादी के बाद शौहर और बीवी के अधिकारों के साथ ही उनके कर्तव्यों की जानकारी दी गई है। निकाह पढ़ाने वाले काजी के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि शौहर व बीवी में विवाद होने पर वो निपटारा शरीयत की रोशनी में दारुलकजा या बातचीत के जरिये करेंगे।

नदवा के कुलपति मौलाना बिलाल बने बोर्ड के सचिव

दारुल उलूम नदवतुल उलमा (नदवा) के कुलपति मौलाना सैयद बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का सचिव बनाया गया। इंदौर के महू में रविवार को संपन्न बोर्ड के दो दिवसीय इजलास में सर्वसम्मति से चुने गए बोर्ड के नए अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने महासचिव के अलावा दो उपाध्यक्ष, तीन सचिव और एक प्रवक्ता को भी मनोनीत किया।

मौलाना रहमानी के अध्यक्ष बनने से रिक्त महासचिव के पद पर राजस्थान के मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्दिदी को नियुक्त किया गया है। बोर्ड में लखनऊ के प्रतिनिधित्व का खास ध्यान रखा गया है। बोर्ड के सचिव एवं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक एडवोकेट जफरयाब जीलानी के इंतकाल के बाद सचिव पद रिक्त होने के साथ ही लखनऊ का प्रतिनिधित्व भी खत्म हो गया था।

मौलाना बिलाल के सचिव बनने से यह कमी पूरी हो गई। हालांकि राजधानी से ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली भी बोर्ड में कार्यकारिणी सदस्य हैं। इसके अलावा बिहार, उड़ीसा और झारखंड के अमीर-ए-शरीयत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी को और बदायूं के मौलाना डॉ. यासीन अली उस्मानी काे भी सचिव बनाया गया। कार्यकारिणी सदस्य डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास को प्रवक्ता नियुक्त किए गए हैं। कमाल फारूकी उनका सहयोग करेंगे।
मौलाना सज्जाद नोमानी के इस्तीफे से प्रवक्ता का पद काफी समय से खाली था। जमात-ए-इस्लामी हिंद के अमीर सैयद सादतउल्लाह हुसैनी और दरगाह गुलबर्गा के सज्जादानशीन डॉ. सैयद शाह खुसरो गुलबर्गा को उपाध्यक्ष बनाया गया है। उपाध्यक्ष के दो पद मौलाना जलालुद्दीन उमरी और मौलाना सैयद शाह फखरुद्दीन अशरफ किछौछवी के देहांत के बाद से रिक्त थे।
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