हरियाणा-नारनौल : भीमराव अंबेडकर भवन पेटीकरा नारनौल में संत कबीर दास जयंती का कार्यक्रम भागीरथ खनगवाल अध्यक्ष अलम जागृति मंच की तरफ से आयोजित किया गया मुख्य अतिथि धर्मपाल चौधरी चेयरमैन राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसायटी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारत रतन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अध्ययन केंद्र तथा एग्रीकल्चर फाइनेंस एडवाइजर अति विशिष्ट अतिथि ईश्वर सिंह मेजर हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ऑल इंडिया एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसायटी धर्मपाल चौधरी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा संत कबीरदास का जन्म 1398 ईस्वी में काशी के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था संत कबीर दास इसलिए प्रसिद्ध थे कि वह एक महान समाज सुधारक थे संत कबीर दास ने समाज से उच्च नीच का भेदभाव मिटाने का प्रयास किया छोटे बड़े तथा अमीर गरीब की भेदभाव को भी मिटाने का प्रयास किया संत कबीरदास हिंदू व मुस्लिम सभी धर्मों के लोगों से प्यार और भाईचारा का पाठ पढ़ाते थे और सभी को मिलजुलकर रहने के लिए कहते थे कबीर दास एक महान कवि तथा संत थे ।
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ,
पंडित भया न कोय ।
ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।
संत कबीर दास की मृत्यु 1518 ईस्वी में 120 वर्ष आयु होने के बाद उत्तर प्रदेश के मगर नगर में हुई थी जिस स्थान पर संत कबीर दास की मृत्यु हुई उस स्थान का नाम आज संत कबीर दास नगर के नाम से जाना जाता है जो के उत्तर प्रदेश में स्थित है जब संत कबीर दास की मृत्यु हो गई तब हिंदू कहने लगे के संत कबीर दास हिंदू थे और मुस्लिम कहने लगे कि संत कबीर दास मुस्लिम थे दोनों समुदाय उनकीआखिरी क्रिया करने का प्रयास करने लगे तब दोनों समुदायों में फैसला हुआ के आधा शरीर का हिंदी रीति रिवाज से संस्कार किया जाएगा और आधे शरीर का मुस्लिम रीति से संस्कार किया जाएगा जैसे ही पार्थिक शरीर से चद्दर को उठाया गया तो देखा गया के पार्थिव शरीर की जगह फूलों का ढेर लगा हुआ था दोनों समुदायों फूलों को लेकर चले गए ।
कार्यक्रम के दौरान सलम जागृति मंच ओपन शेल्टर होम की तरफ से बेसहारा गरीब झुग्गी झोपड़ी वाले बच्चों को अध्यक्ष भागीरथ खनगवाल ने भोजन करवाया कार्यक्रम के दौरान सुशील शर्मा शशी शर्मा निषाद कुमार रविंद्र कुमार बलवंत सिंह कुलदीप यादव दीपक मेघवाल महेंद्र यादव विनय शकुंतला तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।