झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी पंचायत समिति के एक दर्जन गांवों के लोग झुंझुनूं जिले में रहने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं होने को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं। शुक्रवार को नीमकाथाना जिला हटाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार की ओर से नवगठित नीमकाथाना जिले के विशेषाधिकारी हजारीलाल अटल को ज्ञापन देकर झुंझुनूं जिले में ही रहने की मांग की है।
संघर्ष समिति के सदस्य पूर्व प्रधान बजरंग सिंह चारावास ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से हाल ही में नवगठित किए गए नीमकाथाना जिले में संपूर्ण खेतड़ी तहसील को शामिल कर दिया जा रहा है। खेतड़ी तहसील के मानोता जाटान, लोयल, चारावास, नांगली सलेदी सिंह, बडाऊ, रसूलपुर के राजस्व गांव व खेतड़ी तहसील का कुछ हिस्सा झुंझुनूं से सटा हुआ होने के कारण लोगों को नीमकाथाना में जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इसके अलावा भौगोलिक दृष्टि से पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण रास्ते की लंबी दूरी तक आबादी क्षेत्र नहीं होने की वजह से सुनसान जगह व यातायात भी असुरक्षित नहीं होने के कारण उक्त गांवों के लोग किसी भी सूरत में नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं होना चाहते हैं। इन गांवों के लोग वर्तमान में झुंझुनू जिले में ही रहना चाहते हैं। नीमकाथाना मुख्यालय उनके क्षेत्र से काफी दूर होने के कारण आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। वही नीमकाथाना क्षेत्र की भाषा, संस्कृति पहचान उनके जिले से अलग होने के कारण इस पंचायतों के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खेतड़ी तहसील के इन गांवो के लिए चिड़ावा तहसील नजदीक लगती है। ऐसे में इन गांव को नीमकाथाना जिले में नहीं जोड़कर झुंझुनू में ही रखा जाने की मांग की गई। झुंझुनू जिले में रहने की मांग को लेकर ग्रामीणों की ओर से ग्राम पंचायतों में भी प्रस्ताव पारित किया जा चुका है तथा नीमकाथाना जिले में शामिल करने पर विरोध किया जाएगा। इस मौके पर अखिल भारतीय किसान महासभा के रामचंद्र कुलहरी, रविंद्र सिंह पायल, रोहिताश कुमार, इंद्राज सिंह चारावास, कुलदीप सिंह, बजरंग सिंह सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।