जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : बदलती लाइफस्टाइल व कोरोना समेत अन्य कारणों की वजह से जिले में तेजी से लोग हायपरटेंशन के शिकार हो गए और यह सिलसिला अब भी लगातार जारी है। आज वर्ल्ड हायपरटेंशन डे यानि विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाकर झुंझनूं में लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है।
झुंझुनूं जिले की बात की जाए तो इस बीमारी से पीड़ित लोगों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। एक साल के दौरान ही 20 हजार 800 नए लोग हायपरटेंशन के शिकार हो गए। जबकि पहले से जिनका इलाज चल रहा है, वे अलग।
जानकारों की मानें तो एक साल में इन रोगियों के बढ़ने का यह आंकड़ा तो महज जिले के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले रोगियों का है। जबकि निजी अस्पतालों में आने वाले रोगी तो कई गुना हैं।
एक साल और 29800 नए रोगी
चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक दो साले के दौरान डायग्नोस हुए रोगियों का एनालासिस किया जाए तो 2022 की तुलना में 2023 में 29 हजार 800 नए लोग हायपरटेंशन की जद में आ गए। तेजी से इसकी जद में आते लोगों का यह आंकड़ा जिले की 24 लाख की जनसंख्या के अनुसार चिंताजनक है।
जिले में 2022 में चिकित्सा विभाग की ओर से 85 हजार 472 लोगों में रक्तचाप डायग्नोस हुआ था। जबकि 2023 में यह बढ़कर 1 लाख 15 हजार 272 पर पहुंच गया। ये सभी पीड़ित सरकारी अस्पतालों से दवा ले रहे हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट:
बीडीके अस्पताल में कार्यरत सीनियर फिजीशियन एवं मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. कैलाश राहड़ बताते हैं कि हायपरटेंशन की जद में आने का मुख्य कारण आधुनिक जीवन शैली है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं व चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवा लें। साथ ही अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करें। पीड़ित लोग खान-पान का विशेष ध्यान रखें।
- -नोर्मल ब्लडप्रेशर-120/80 से कम
- -प्री-ब्लडप्रेशर 120-139/80-89 के मध्य
- – स्टेज 1: ब्लडप्रेशर 140-159/90-99 के मध्य
- -स्टेज 2 : ब्लडप्रेशर 160/100 से ज़्यादा
स्टेज 1 व स्टेज 2 में लाइफ़ स्टाइल मोडिफिकेशन के साथ दवाई की जरूरत होती है।
ये होते हैं हाइपरटेंशन के कारण
- -आनुवांशिक
- -बदलती जीवनशैली
- -तम्बाकू एवं मदिरा का सेवन
- -मोटापा,व्यायाम न करना,ज्यादा नमक का सेवन
- -थायराइड की बीमारी, एड्रीनल ग्रन्थि की बीमारी, डायबिटीज की बीमारी
- -शरीर में वसा की अधिक मात्रा
- -वृद्धावस्था, गुर्दे की खराबी