सीकर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर की ओर से रींगस, नीमकाथाना, दांतारामगढ़, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़ व सीकर में राष्ट्रीय लोक अदालत शिविर का आयोजन किया गया l जिसमें कुल 17 बेंचों का गठन कर राजीनामें योग्य अपराधिक मामले, सिविल, परिवारिक, चेक अनादरण प्रकरण, बैंकों के ऋण, राजस्व व प्री-लिटिगेशन के मामलों की सुनवाई की गई l जिसमें कुल 79 हजार 876 प्रकरणों का निस्तारण किया गया और 4 करोड़ 66 लाख 12 हजार 243 रुपए के अवार्ड पारित किए गए l
परिवारिक न्यायालय ने कुल 52 प्रकरणों का निस्तारण किया l जिसमें कोर्ट परिसर में 8 जोड़ों ने एक दूसरे को माला पहनाते हुए फिर से एक दूसरे के साथ जिंदगी गुजारने का निर्णय लिया l आठ जोड़ें अपने परिवारिक मतभेदों को भुलाते हुए राजी खुशी कोर्ट परिसर से विदा हुए l एक विवाहित जोड़ा पिछले 14 साल से एक दूसरे से अलग रह रहा था जिनकी कई चरणों काउंसलिंग कराई गई और लोक अदालत में समझाइश के बाद जोड़े को घर के लिए रवाना किया l पति पत्नी ने एक दूसरे के साथ रहने की सहमति जताई l
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर के सचिव धर्मराज मीणा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों तक न्याय पहुंचाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का पर्व है। लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को संबंधित न्यायालय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई है और लोक अदालत की प्रक्रिया को समझाने के लिए विधि महाविधालयों के छात्रों को भी बुलाया जाता है। लोक अदालत बेंच के अभूतपूर्व सहयोग से क्षेत्र के लिटिगेशन एवं न्यायालय में लंबित प्रकरणों की सुनवाई करके उनका राजीनामें के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण किया जाता जिसे धन व समय की बचत भी होती है।