जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : ग्राम विकास अधिकारी के काम पर लौटने के बाद ग्राम पंचायत की व्यवस्था धीरे धीरे पटरी पर लौटने लगी है। ग्रामीणों को राहत मिलने लगी है। लोगों के अटके काम होने लगे है। ग्राम विकास अधिकारियों से पूर्व में हुए समझौते की मांगों को लेकर राज्य सरकार से मिले सकारात्मक प्रस्तावों के बाद ग्राम विकास अधिकारी संघ ने असहयोग आंदोलन व महंगाई राहत कैंप के बहिष्कार का अपना निर्णय वापस ले लिया है। निर्णय को वापस लेने के बाद सोमवार से ग्राम विकास अधिकारी अपने काम में जुट गए।
उल्लेखनीय है कि ग्राम विकास अधिकारियों से जुड़ी मांगों पर पूर्व में हुए समझौते की पालना नहीं होने के विरोध में प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर ग्राम विकास अधिकारी संघ की ओर से 21 अप्रैल से प्रदेशभर में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की गई थी।
ग्राम विकास अधिकारी विभागीय काम के बहिष्कार के साथ ही महंगाई राहत कैंप व प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविर का बहिष्कार कर यहां पंचायत समिति कार्यालय में धरना दे रहे थे। ग्राम विकास अधिकारियों की हड़ताल से मनरेगा समेत ग्राम पंचायतों में कई विभागीय काम प्रभावित हो रहे थे। इससे ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वहीं महंगाई राहत कैंप व प्रशासन गांव के संग अभियान के शिविर में भी कई काम प्रभावित हो रहे थे।
ग्रामीणों को मिलेगी राहत, होने लगे काम
ग्राम विकास अधिकारियों के काम पर लौट आने का सबसे बड़ा फायदा ग्रामीणों को मिला। जन्म-मृत्यु पंजीयन, ग्राम पंचायतों के विकास कार्य, विवाह पंजीयन, नरेगा संचालन कार्य, जनाधार प्रथम स्तरीय सत्यापन का कार्य, केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं, स्वामित्व ड्रोन सर्वे कार्य, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का भौतिक सत्यापन कार्य, पेंशन सत्यापन, लंबित पट्टे निस्तारण कार्य, राशन कार्ड सत्यापन, पालनहार योजना एवं पंचायत बैठक आदि कार्य अब समय पर हो सकेंगे।
मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल जारी
इधर मंत्रालयिक कर्मचारी अब भी हड़ताल पर है और जयपुर में महापड़ाव डाले हुए है। सरकार के विरोध में सरपंचों का भी आंदोलन जारी है। वे पंचायत समिति की साधारण का बहिष्कार कर रहें है।