झुंझुनूं-खेतड़ी : खेतड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर उपखंड कार्यालय के सामने 35 दिन से चल रहे धरने की प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने पर सोमवार को समाप्त करने की घोषणा की गई। इस दौरान संघर्ष समिति की ओर से मुख्य बस स्टैंड तक पैदल मार्च निकालकर धरने को उठा लिया गया।
जानकारी के अनुसार खेतड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति की ओर से उपखंड कार्यालय के सामने धरना दिया जा रहा था, जिसको लेकर संघर्ष समिति की ओर से दो दिन पूर्व एसडीएम को पत्र देकर 15 मई तक धरने की अनुमति देने की मांग की गई थी, लेकिन एसडीएम जय सिंह चौधरी ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया।
इस दौरान एसडीएम ने संघर्ष समिति को पत्र लिखकर 30 अप्रैल को शाम पांच बजे बाद धरना हटाने के निर्देश दिए थे। धरने की अनुमति नहीं मिलने पर संघर्ष समिति के लोग उपखंड कार्यालय के सामने एकत्रित हुए तथा धरना स्थगित करने से पूर्व धरना स्थल से मुख्य बस स्टैंड तक पैदल मार्च करते हुए मोतीलाल नेहरू स्मारक स्थल पर पहुंचे।
इस दौरान मोतीलाल नेहरू स्मारक स्थल पर मोमबत्ती जलाकर सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना कर धरना स्थगित करने की घोषणा की। जिला परिषद सदस्य उम्मेद सिंह निर्वाण ने संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि की अनदेखी के चलते खेतड़ी जिला नहीं बन सका। यदि खेतड़ी के जनप्रतिनिधि सरकार के सामने खेतड़ी को जिला बनाने की मांग को रखते तो जनता की भावनाओं को देखते हुए सरकार जरूर कोई बड़ा कदम उठा सकती थी।
सरकार और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण खेतड़ी आज विकास के क्षेत्र में पिछड़ रहा है, जिसे खेतड़ी की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि खेतड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। आंदोलन को गति देते हुए आमरण अनशन, जेल भरो आंदोलन को लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
इस मौके पर धर्मेंद्र सिंह तोमर, दिनेश सोनगरा, भूपेंद्र सोडा, पवन शर्मा, रोहताश सैनी, जुगल किशोर, विद्याधर सैनी, राकेश राजोरिया, कपिल जांगिड़, सहित अन्य लोग मौजूद थे।