उदयपुर : सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक मामले में रिमांड पर चल रहे राज्य लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य बाबूलाल कटारा ने अपने भांजे विजय कुमार डामोर को जो सवाल बताए। वो उसने एक रजिस्टर में लिखे थे।
फिर पेपरलीक मास्टरमाइंड शेर सिंह को बताने के बाद उस रजिस्टर को जला दिया। वहीं, जांच के दौरान टीम को बाबूलाल कटारा के फ्लैट से 51 लाख रुपए भी मिले हैं।
दरअसल, बाबूलाल कटारा समेत 4 आरोपियों को शनिवार को एडीजे-1 कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने कटारा व उसके ड्राइवर गोपाल सिंह को शनिवार को वापस 3 दिन के रिमांड पर भेज दिया है।
वहीं, भांजे विजय डामोर और अभ्यर्थियों को लीक पेपर सॉल्व करवाने वाले अरुण को जेल भेज दिया।
रिमांड के दौरान विजय ने बताया कि मामा बाबूलाल ने जो प्रश्न बताए थे, उन्हें उसने रजिस्टर में लिखा था। इसके बाद माफिया शेर सिंह (अनिल मीणा) को बताने के बाद उसने रजिस्टर जला दिया था।
बता दें, दिसंबर 2022 में सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक मामले में एसओजी कड़ियां जोड़कर एक-एक आरोपी को पकड़ रही है। कटारा ने ही पेपरलीक कर माफिया शेर सिंह को बेचा था।
हालांकि पेपरलीक की गुत्थी अभी भी पूरी तरह नहीं सुलझी है। क्योंकि अब भी सवाल बना हुआ है कि कटारा तक पेपर किसने पहुंचाया? आरोपियों से तीन दिन रिमांड में और खुलासे होने की उम्मीद है।
यह था मामला
उदयपुर पुलिस ने 24 दिसंबर को बेकरिया (उदयपुर) थाने के बाहर 49 अभ्यर्थियों से भरी बस को पकड़ा था। ये सभी चलती बस में आरपीएससी के सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती के जीके का लीक पेपर सॉल्व कर रहे थे। पुलिस की सूचना पर आरपीएससी ने पेपर को रद्द कर दिया था।
कटारा के घर से 51.20 लाख रुपए और सोने के जेवर जब्त
जांच अधिकारी लाखन मीणा ने बताया- अजमेर निवासी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल पुत्र वजेराम कटारा, उसके भांजे वागदरी (डूंगरपुर) निवासी विजय पुत्र ललित कुमार डामोर, ड्राइवर सूरसाल-ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) हाल जयपुर रोड सिविल लाइन, अजमेर निवासी गोपाल सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह राजपूत और अभ्यर्थियों को पेपर के प्रश्नों की तैयारी करवाने वाले जयपुर निवासी अरुण उर्फ राजेन्द्र पुत्र सांवर मल शर्मा ने रिमांड के दौरान कई खुलासे किए हैं।
लाखन मीणा ने बताया- उन जगहों की भी पहचान कर ली गई है, जहां विजय ने प्रश्न लिखे और जहां रजिस्टर जलाया। लीक पेपर पर बातचीत के लिए जहां शेर सिंह, भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका मिले। वहां की भी जांच चल रही है।
इसके अलावा टीम ने 20 अप्रैल को विजय की निशानदेही से शेर सिंह का गिफ्ट किया सोने का कड़ा, एक साथी को दिए 6 लाख रुपए, पेपर के बदले बाबूलाल को दिए 60 लाख में से 51 लाख 20 हजार रुपए और सोने के जेवर उसके अजमेर स्थित फ्लैट से बरामद कर लिए हैं।
रिमांड अवधि खत्म होने पर शनिवार को चारों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। एसओजी ने मामले में फरार चल रहे सुरेश ढाका की गिरफ्तारी और इससे पूर्व जांच के लिए बाबूलाल और ड्राइवर का रिमांड मांगा।