झुंझुनूं : जंगल पर्यटन (फोरेस्ट टूरिज्म) के तौर पर विकसित किए जा रहे कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ में काले हिरणों का कुनबा जल्दी ही बढ़ने वाला है। चूरू जिले के कृष्ण मृग अभयारण्य तालछापर से करीब 500 काले हिरण यहां आ सकते हैं। इस संबंध में झुंझुनूं के उप वन संरक्षक (डीसीएफ) राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया कि प्रदेश के वन्यजीव मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।
स्वीकृति मिलते ही तालछापर से काले हिरणों को यहां री-लोकेट किया जाएगा।
जानकार सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2022 की वाइल्ड लाइफ सेंसस के अनुसार तालछापर में काले हिरणों की संख्या 4223 है। करीब 100 की संख्या में चिंकारा भी हैं।
डीसीएफ हुड्डा ने बताया कि तालछापर में काले हिरणों की संख्या क्षमता से अधिक होने से उन्हें वहां से अन्य स्थान पर री-लोकेट किया जाना। इधर 1047.48 हैक्टेयर में फैले बीड़ की 1000 हिरण रहने की क्षमता इसी के चलते करीब 500 काले हिरण और यहां लाने के प्रयास हैं।
गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में वन विभाग ने बीकानेर से 27 नर व 19 मादा काले हिरण यहां कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ में छोड़े थे।
इसके बाद हुई वाइल्ड लाइफ सेंसस के मुताबिक फिलहाल यहां 48 काले हिरण और 12 चिंकारा हैं। साल में दो बार प्रजनन से तीन साल में इनकी संख्या दोगुना से ज्यादा हो जाएगी।
इनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग ने बीड़ क्षेत्र में नई चौकियां स्थापित की गई हैं। वन्य जीवों के पानी पीने के लिए बनाए गए वॉटर हॉल्स में निरंतर पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए यहां सोलर ट्यूबवैल भी स्थापित किया गया है।
बीड़ में नीलगाय, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, मोर, तीतर, खरगोश, रेप्टलर्स में कोबरा समेत कई प्रजातियों के वन्य जीवों के साथ ही अब यहां काले हिरणों व चिंकारा के झुंड और इनकी अठखेलियां दिखाई देंगी। जिला मुख्यालय के समीप होने और बीड़ क्षेत्र के बीच से स्टेट हाइवे गुजरने से यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
डीसीएफ राजेंद्र कुमार हुड्डा के मुताबिक कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ में फॅरिस्ट टूरिज्म शुरू करने के लिए फायर लाइन, ईको ट्रेल आदि लगभग सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
झुंझुनूं में कंजर्वेशन रिजर्व एक नजर में
संरक्षण रिजर्व क्षेत्रफल (वर्ग किमी)
शांकभरी (सीकर, झुंझुनूं) – 131
बॉसियाल- खेतड़ी बागोर 39.66
बॉसियाल -खेतड़ी – 70.18
मनसा माता – 102.31
बीड़ झुंझुनूं – 10.4