Umesh Pal Murder Case: गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद को यूपी एसटीएफ की दो गोलियां लगी थीं। जबकि उसका सहयोगी शूटर मोहम्मद गुलाम केवल एक गोली में ढेर हो गया था। दोनों का गुरुवार की रात करीब पांच घंटे झांसी मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम चला। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नरेंद्र सेंगर के मुताबिक, जब असद और गुलाम के शव अस्पताल लाए गए तो उनकी दो घंटे पहले मौत हो चुकी थी।
असद को एक गोली पीठ पर तो दूसरी गोली सीने में लगी थी। पीठ पर लगी गोली दिल और सीने को चीरते हुए बाहर निकल गई थी। वहीं दूसरी गोली सीने में लगने के बाद गले में जाकर फंस गई। डॉक्टरों की टीम ने गोली बरामद की है। वहीं, शूटर गुलाम को एक गोली लगी थी, जो सीने को चीरते हुए बाहर निकल गई थी।
डॉक्टर नरेंद्र ने बताया कि पोस्टमार्टम पैनल में तीन डॉक्टर थे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। उन्होंने बताया कि असद की पीठ से काफी खून बह रहा था।
गुलाम की मां ने बेटे का शव लेने से किया इंकार
गुलाम की मां खुशनुदा ने कहा है कि गंदे काम का यही नतीजा होता है। सरकार ने बिल्कुल सही किया है। भावुक खुशनुदा ने कहा कि जो गंदा काम करते हैं, वो इसे याद रखेंगे। सरकार ने गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा जब आपने (गुलाम) किसी को मारा, तो गलत किया। अब तुम्हारे साथ वही होगा। उन्होंने शव लेने से भी इंकार कर दिया। कहा कि हो सकता है उनकी पत्नी गुलाम का शव लें। उनकी जिम्मेदारी है। उनके फर्ज अलग हैं, लेकिन हम वादा कर चुके हैं। उसका शव नहीं लेंगे।
#WATCH | Prayagraj, UP: "The action taken by the government is absolutely correct. All gangsters and criminals will take a lesson from this. I had no idea that he (my son) used to work for gangster Atiq Ahmed. I will not receive his body, maybe his wife will receive it," says… pic.twitter.com/9oqwnwYd2i
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 14, 2023
दो विदेशी हथियार बरामद
एसटीएफ का कहना है कि असद और गुलाम बाइक से थे। उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने फायरिंग कर दी और एनकाउंटर में मारे गए। असद और गुलाम के पास से दो विदेशी हथियार एक ब्रिटिश बुलडॉग रिवाल्वर और एक जर्मन वाल्थर P88 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल बरामद किए हैं।
उमेश और राजू पाल हत्याकांड में थे वांछित
असद अहमद और गुलाम वकील उमेश पाल की हत्या में वांछित थे। उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के चश्मदीद गवाह थे। उमेश पाल की फरवरी में और राजू पाल की 2005 में हत्या कर दी गई थी। असद और गुलाम को यूपी पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया था।