जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झुंझुनूं के द्वारा अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा एवं अन्य अवसरों पर भारी संख्या में बाल-विवाह होने से रोकने के संबंध में तथा माह अप्रैल में बाल श्रम रोकथाम विषय पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर द्वारा प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा “बाल विवाह को कहें ना’’ की तर्ज पर बाल विवाहों की रोकथाम हेतु जिला कलेक्टर के साथ मिलकर स्थापित कंट्रोल रूम के साथ इस कार्यालय के हैल्पलाईन नंबरों को उपयोग में लेने हेतु नियत किया गया है। अभियान को सफल करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दीक्षा सूद ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण जिला परिषद के साथ मिलकर समस्त बी.डी.ओ के द्वारा विस्तृत रूपरेखा तैयार कर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अभियान को सफल बनाने एवं विधिक सेवा प्राधिकरण की पहुंच प्रत्येक पंचायत तक पहुंचाने के क्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, उप निदेशक महिला अधिकारिता विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मीटिंग ली गयी तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने हेतु निर्देशित किया गया।
मीटिंग में महिला अधिकारिता विभाग एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में बाल विवाह रोकथाम हेतु साक्षरता शिविरों का आयोजन ए.एन.एम तथा आशा सहयोगिनियों के माध्यम से पूर्ण किए जाने हेतु तथा अविलंब दिशा-निर्देश प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया गया। दीक्षा सूद ने कहा कि विधिक सेवा संस्थाओं का कानूनी दायित्व है कि वे इस सामाजिक बुराई एवं इसके दुष्परिणामों के प्रति आम जनता को जागरूक करें, साथ ही बाल विवाह रोकने के संबंध में प्रभावी कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी जन-जन तक पहुंचाएं और उनकी शंकाओं का समाधान करें और कानूनी कार्यवाही करने हेतु आवश्यक सलाह एवं सहायता उपलब्ध करायें। इसी के साथ अप्रैल माह में बाल श्रम निषेध विषय पर विशेष अभियान के क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुका विधिक सेवा समितियों द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।