झुंझुनूं-खेतड़ी : राज्य में नए जिलों के गठन के बाद से ही जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होने लगे हैं। जिसके तहत खेतड़ीवासी खेतड़ी को अलग से जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि खेतड़ी अपने आप में बड़ा क्षेत्र है और उसे नीमकाथाना में मिलाया जाना न्यायोचित नहीं है। इस मांग को लेकर मंगलवार को खेतड़ी में जहां अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। वहीं दूसरी ओर एक ज्ञापन दिया गया।
अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया
मंगलवार को जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धर्मेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय के सामने धरना दिया गया। धरने को संबोधित करते हुए पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विजेश शाह ने कहा कि जब छोटे शहर को जिला बनाया जा सकता है, तो खेतड़ी को क्यों नहीं बनाया जा सकता। रियासत काल में भी हमारे साथ छलावा किया गया और अब भी ये सब खेतड़ी के कमजोर नेतृत्व के कारण हुआ है, जो खेतड़ी की आवाज नहीं उठा सके। जब तक खेतड़ी जिला नहीं बन जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
धरने में पहले दिन नंदलाल शर्मा चौकड़ीवाला, कपिल देव जांगिड़, जयदीप फागना और राजपाल ग्रेट ने आमरण अनशन शुरू किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध भी जताया। धरना स्थल पर डॉ. सोमदत भगत, गजेंद्र जलंद्रा, दिनेश सोनगरा, आनन्द जैदिया, सुनिल कुमार, ईश्वर पांडे, निकेश पारीक, उम्मेद सिंह निर्वाण, बलजीत चौधरी, राजेंद्र यादव, कपिल तंवर, भूपेंद्र सिंह आदि शामिल थे।
खेतड़ी को जिला बनाने की मांग
बसपा नेता मनोज घुमरिया की नेतृत्व में एसडीएम जयसिंह को दिए ज्ञापन में बताया कि आजादी के बाद खेतड़ी रियासत के विलय के समय खेतड़ी को भविष्य में जिला बनाने का वादा किया गया था। सबसे पुरानी रियासत होने के बावजूद भी खेतड़ी को जिला बनाने से दूर रखा गया है। खेतड़ी रियासत के अधीन कोटपूतली, नीम का थाना, विराटनगर तक का क्षेत्र आता था, लेकिन कुछ राजनीतिक कारणों से खेतड़ी को झुंझुनू जिले से हटाकर नव घोषित जिले नीमकाथाना में शामिल किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी न्याय उचित नहीं है।
जिला बनाने की मांग के लिए सौंपा ज्ञापन
इधर, खेतड़ी को जिला बनाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन भी दिया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर खेतड़ी को जिला बनाने की मांग की है। बसपा नेता मनोज घुमरिया की नेतृत्व में एसडीएम जय सिंह को दिए ज्ञापन में बताया कि आजादी के बाद खेतड़ी रियासत के विलय के समय खेतड़ी को भविष्य में जिला बनाने का वादा किया गया था, लेकिन यह मांग आज तक अधूरी है। किसी समय में खेतड़ी रियासत होता था। खेतड़ी को झुंझुनू जिले से हटाकर नव घोषित जिले नीमकाथाना में शामिल किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी न्याय उचित नहीं है।
सरकार की ओर से बनाया गया नीमकाथाना जिला खेतड़ी के अधीन आता था। इसके बावजूद भी सरकार की ओर से की जा रही अनदेखी से क्षेत्र की जनता में गहरा आक्रोश है। खेतड़ी रियासत के समय सबसे पुरानी नगरपालिका, अजीत विवेक संग्रहालय व एशिया के सबसे बड़े ताम्र प्रोजेक्ट होने के बावजूद भी खेतड़ी को दरकिनार किया जा रहा है। भौगोलिक स्थिति व क्षेत्रफल की दृष्टि से खेतड़ी जिला बनाने की सभी शर्तें पूरी कर रहा है। इस दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि यदि तीन दिन में सरकार की ओर से खेतड़ी को जिला बनाने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो क्षेत्र के लोगों की ओर से जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर खेतड़ी को जिला बनाने की मांग की जाएगी। इसके अलावा युवाओं की ओर से खेतड़ी को जिला बनाने को लेकर पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया है, जो सरकार के मंत्रियों व उच्च अधिकारियों को प्रेषित किए जा रहे हैं।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर सुरेंद्र सिंह फौजी, दिनेश सोनगरा, धर्मेंद्र सिंह तोमर, पूर्व पालिका अध्यक्ष विजेश शाह, बलवीर मीणा, राजेंद्र सिंह, अभिमन्यु सिंह, जयदीप फागणा, राजपाल ग्रेट, नंदकिशोर, गजेन्द्र जलंद्रा, बलजीत चौधरी, कपिल जांगिड़, हजारीलाल, विष्णु सैनी सहित अनेक लोग मौजूद थे।