जयपुर : राइट टू हेल्थ बिल को लेकर राजस्थान सकरार और डॉक्टर आमने-सामने हैं। दो दिन से डॉक्टर बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल का प्रयोग भी किया। उधर, विरोध प्रदर्शन को नजर अंजात करते हुए सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में बिल पास करा लिया। मामले को लेकर डॉक्टर की एक समिति अब राज्यपाल से मुलाकात मुलाकात करेगी।
इधर, जोधपुर में मीडिया बात करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने राइट टू हेल्थ बिल को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा- इस बिल से आम जनता और डॉक्टर दोनों को ही फायदा होगा। सीएम गहलोत ने कहा कि डॉक्टर भगवान का रूप हैं, लोग उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं।
डॉक्टरों को भी बिल में सरकार का साथ देना चाहिए, इस तरह विरोध नहीं करना चाहिए। सरकार और डॉक्टर्स दोनों ही जनता की सेवा करते हैं, दोनों को ही जनता की सेवा को प्राथमिकता देनी चाहिए। बाकी जो भी समस्याएं हैं उन्हें बैठकर सुलझाया जा सकता है। इसके लिए सड़क पर आने की कोई जरूरत नहीं है। ये बिल सही है और सभी के हित का है।
इधर, डॉक्टर्स का कहना है कि इस बिल से जनता को परेशानी होगी, वहीं हम स्वास्थय सेवाएं ठप कर देंगे। डॉक्टर के प्रदर्शन को देखते हुए कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि डॉक्टर पर लाठीचार्ज नहीं होना चाहिए था। डॉक्टर्स की चिकित्सा मंत्री प्रसादी लाल मीणा से बातचीत हुई थी, जिसके बाद कुछ मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कुछ समझ नहीं आया।