झुंझुनूं : श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में ध्रुव चरित्र एवं जड़ भरत कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रद्धालु भक्त

जनमानस शेखावाटी संवाददाता नीलेश मुदगल

झुंझुनूं : लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर के बत्तीसवें वार्षिकोत्सव के शुभ अवसर पर श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर के सामने चौथमल गोयन का नोहरा में व्यास पीठ पर विश्वविख्यात श्रदैय बाल व्यास श्रीकांत शर्मा द्वारा ध्रुव चरित्र एवं जड़ भरत कथा का विस्तार से वर्णन किया गया। उन्होंने बताया कि एक बार उत्तानपाद सिंहाशन पर बैठे हुए थे। ध्रुव भी खेलते हुए राजमहल में पहुंच गए। उस समय उनकी अवस्था पांच वर्ष की थी। उत्तम राजा उत्तनपाद की गोदी में बैठा हुआ था। ध्रुव जी भी राजा की गोदी में चढ़ने का प्रयास करने लगे। सुरुचि को अपने सौभाग्य का इतना अभिमान था कि उसने ध्रुव को डांटा- और कहा कि गोद में चढ़ने का तेरा अधिकार नहीं है। अगर इस गोद में चढ़ना है तो पहले भगवान का भजन करके इस शरीर का त्याग कर और फिर मेरे गर्भ से जन्म लेकर मेरा पुत्र बन।” तब तू इस गोद में बैठने का अधिकारी होगा का ज्ञान प्रदान करके श्रद्धालुओं को निहाल किया गया।

कथावाचक महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन कर्मों का फल है, इसे परमार्थ में लगाइए। ऋषभ देव महाराज प्रसंग को बताते हुए कहा कि अगर बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहते हो औऱ गुणी बनाना चाहते हो तो पहले वैसा ही बनना पड़ेगा।
रतनारे श्याम के नैन, जादू कर डारो… बजाओ राधा नाम की ताली…जमना जी रो पानी मीठो लागे.. भजन पर श्रद्धालु थिरकते रहे। व्यासपीठ से महाराज श्री ने प्रभु भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि जीवन में विकट परिस्थितियों में जब अपने साथ छोड़ दे, सारे मार्ग बंद हो जाए लेकिन प्रभु का सिमरन करने से सभी दुख दूर हो जाएंगे। इसी प्रकार संतो की शरण में जाने से भी जीवन का उद्धार होता है।

कथा के मध्य ध्रुव चरित्र की जीवंत झांकी प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही।

कथा स्थल को सुंदर वाटर प्रूफ टेंन्ट बनाकर सजाया गया। कथा श्रवण हेतु महिलाओं एवं पुरुषों की बैठने के लिए अलग-अलग सुन्दर व्यवस्था सराहनीय रही।

25 जनवरी बुधवार को कथा में प्रहलाद चरित्र एवं वामन अवतार कथा का वाचन महाराज श्री करेंगे।

इस अवसर पर बगड़ दूधवाला के पीठाधीश्वर अर्जुन दास जी महाराज, लावरेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी इंद्र कुमार मोदी देहली , कृपाशंकर मोदी मुम्बई, सुरेश पंसारी एवं परमेश्वर हलवाई झुंझुनूं, ओमप्रकाश तुलस्यान चैन्नई, राजकुमार अग्रवाल एवं राधेश्याम ढंढारिया जयपुर, अनिल टेकडीवाल दिल्ली, जालान परिवार के विजय कुमार जालान, रमाकांत जालान, प्रदीप कुमार जालान, देवेंद्र कुमार जालान, अरुण कुमार जालान, नितिन जालान, सीए दीनबंधु जालान मुंबई, शिवकुमार जालान, परमेश्वर जालान, नारायण प्रसाद जालान, विनोद जालान, मुरारी जालान, महावीर प्रसाद गुप्ता एवं शंकरलाल सोन्थलिया चेन्नई, विमल ढढांरिया सूरत, मंदिर ट्रस्ट कार्यकारिणी सदस्य नरेश अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, डॉक्टर डीएन तुलस्यान, श्रीकांत पंसारी, रूपेश तुलस्यान, नितिन नारनौली, राजकुमार सोनी, डॉक्टर एसएन शुक्ला, अनूप गाड़िया, संपत चुड़ैलावाला, अनिल गुप्ता, अर्जुन वर्मा, शरद शर्मा, दिनेश ढढांरिया, राकेश तुलस्यान, उम्मेद खाजपुरिया, मातादीन टीबड़ा, अशोक बी.तुलस्यान, राजकुमार सिंघानिया, रामगोपाल ढढांरिया सहित अन्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

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