टोंक : राजस्थान के टोंक जिले में गैंगरेप, अपहरण और मारपीट के मामले में पुलिस ने चार महीने बाद भी कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने आरोपियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है। इसके खिलाफ गैंगरेप पीड़िता और उसका परिवार 16 जनवरी से उनियारा थाने के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं। इसके बाद भी प्रशासन और थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पुलिस की इस अनदेखी से परेशान होकर पीड़ित परिवार ने आत्महत्या की चेतावनी दी है ।
पीड़िता के परिवार ने बताया कि उन्होंने 19 अक्टूबर को बेटी का अपहरण कर गैंगरेप करने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने इब्राहिम नगर के रहने वाले रामदेव, शंकर, हरिनारायण, धनराज और निरमा पर अपरहण, गैंगरेप और मारपीट करने का आरोप लगाया था। लेकिन, अब तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।
पुलिस को दी अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया था कि 16 सितंबर को करीब 13 लोगों ने उसका अपहरण किया। इसके बाद करीब 25 दिन तक उसे बंधक बनाए रखा और अलग-अलग जगह ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। 12 अक्टूबर को पीड़िता घाड़ थाना इलाके में लावारिश हालत में मिली, जिसके बाद उसे इलाक के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
19 अक्टूबर को पीड़ित के परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया, लेकिन अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। कड़ाके की सर्दी में पीड़ित परिवार बीते पांच दिन से उनियारा थाने के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा हुआ हैं। उनका कहना है कि जब तक पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, धरना खत्म नहीं करेंगे। आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करे पर पीड़ित परिवार ने आत्महत्या की चेतावनी दी है।