जयपुर : रिश्वतखोरी के आरोपों में गिरफ्तार की गईं आरपीएस अधिकारी और अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी रही दिव्या मित्तल को गृह विभाग ने तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंशन ऑर्डर में कहा है कि दिव्या मित्तल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर में एसीबी अभियोग संख्या 13/2023 धारा 7 और 7A भ्रष्टाचार निवारण संशोधित अधिनियम 2018 और धारा 120 बी, आईपीसी में दर्ज किया गया है।
दिव्या मित्तल को 16 जनवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया है । वह वर्तमान में पुलिस कस्टडी में हैं। इसलिए राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 13 (2) में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिव्या मित्तल को 16 जनवरी 2023 से तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है । सस्पेंशन पीरियड के दौरान उनका हेडक्वार्टर डीजीपी ऑफिस राजस्थान जयपुर में रहेगा। ज्वाइंट सेक्रेटरी पुलिस जगवीर सिंह ने ये आदेश निकाले हैं।
20 जनवरी को एसीबी कोर्ट में दिव्या की पेशी
दिव्या मित्तल को एसीबी अजमेर कोर्ट में 20 जनवरी को पेश किया जाएगा। फिलहाल वह रिमांड पर हैं। कोर्ट ने उन्हें 3 दिन के रिमांड पर दिया था। माना जा रहा है कि एसीबी कोर्ट से रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग करेगी। क्योंकि एसीबी को मौजूदा केस में उनके मोबाइल और कई दस्तावेजों की बरामदगी नहीं हो सकी है। आरोपी बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल सुमित कुमार भी केस में अहम कड़ी है। जो दलाल की भूमिका में था। एसीबी को उसकी भी तलाश है। ऐसे में अभी पूछताछ का दौर लम्बा चल सकता है।
क्या है पूरा मामला ?
गिरफ्तारी से बचाने के एवज में 2 करोड़ रुपए घूस मांगकर परेशान करने क मामले में जयपुर एसीबी टीम ने अजमेर में SOG की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल और एक बर्खास्त कांस्टेबल सुमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रखा है। वह रिमांड पर है। एसीबी ने अजमेर,उदयपुर, झुंझुनू, जयपुर में भी सर्च चलाया और एएसपी दिव्या के ठिकानों पर छापेमारी की है। जहां से मिले रिकॉर्ड्स के सबूत भी एसीबी अब कोर्ट में पेश कर सकती है।
16 करोड़ से ज्यादा की नशीली ड्रग्स और दवाओं की तस्करी के मामले में जांच अधिकारी रहते एसओजी अजमेर की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल पर ACB की यह कार्रवाई हुई है। अजमेर में जयपुर रोड पर ARG सोसायटी में दिव्या के फ्लैट में दिव्या की मौजूदगी में भी सर्च कार्रवाई की गई थी।
उदयपुर में उनके फार्म से भी कई संदिग्ध चीजें बरामद हुई हैं। हालांकि एसीबी की कार्रवाई के बाद दिव्या मित्तल ने कहा था कि मुझे ड्रग माफियाओं को ट्रैक करने का यह ईनाम मिला है। मैंने किसी से कोई रिश्वत नहीं मांगी है। यह षड्यंत्र कर ड्रग माफिया मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। अजमेर पुलिस के कई अधिकारी इसमें मिले हुए हैं।