जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : पंचदेव मंदिर के सामने स्थित मोदी हाउस पर श्रीमती बिमला देवी रिद्धकरण मोदी परिवार द्वारा श्रीमद् भागवत कथा में पांचवें दिवस बुधवार को कथावाचक परम श्रद्धेय भागवत मर्मज्ञ परम पूज्य स्वामी श्री हरि शरण जी महाराज ने भगवान की सुंदर बाल लीलाओं का वर्णन किया। भगवान के जन्म लेने के तुरंत बाद ही कंस ने भेजी पूतना राक्षसी वृतांत सुनाया। इसमें बताया चाहे जैसे भी प्रभु के पास जाओ पर जाओ जरूर। प्रभु हर तरह से कल्याण करते हैं। माखन चोरी, गोपियों के चीर हरण की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि लीला और क्रिया में अंतर होती है। अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा प्रक्रिया कहलाती है। इसे ना तो कर्तव्य का अभिमान है और ना ही सुखी रहने की इच्छा, बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की, जिससे समस्त गोकुलवासी सुखी और संपन्न थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी करने का आशय मन की चोरी से है। कन्हैया ने भक्तों के मन की चोरी की। उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म लेने पर कंस उनकी मृत्यु के लिए राज्य की सबसे बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। राक्षसी पूतना भेष बदलकर भगवान कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु भगवान उसका वध कर देते हैं।
कथा के मध्य सजायी गयी कृष्ण बाल लीलाओं की एवं माखन चोरी की झांकी प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही तथा महाराज श्री के भजनों पर आयोजित परिवार एवं अन्य श्रोता भक्तगण अपने आप को नाचने एव गाने से रोक ना सके।
श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 14 से 20 जनवरी तक किया जा रहा है जिसका समय अपरान्ह 1 बजे से सायं 5 बजे तक का रखा गया है।
इस अवसर पर आयोजक मोदी परिवार से बिमला देवी रिद्धकरण मोदी, प्रमोद एवं प्रदीप मोदी, अनिल मोदी, सुरेश मोदी, आनंद मोदी, अमन मोदी, नरेंद्र मोदी, अशोक मोदी सहित अन्य परिवार जन, श्रीकांत पंसारी, नितिन नारनौली, रुपेश तुलस्यान, शशिकांत पंसारी, कुंदन सिगंडोदिया, रधुनाथ पौद्वार, परमेश्वर हलवाई, अशोक केडिया, प्रदीप पाटोदिया, कैलाशचन्द्र सिंघानिया, डॉ.डी.एन.तुलस्यान, ताराचंद भौडकीवाला, महेश मोदी, अनिल खंडेलिया, संजय नांगलिया, सुरेंद्र अग्रवाल, अशोक गोटेवाला, कालुराम तुलस्यान, आशिष श्रीमोहन तुलस्यान, महेंद्र तुलस्यान, श्रवण केजडीवाल, विनोद सिंघानिया, निर्मल मोदी, दिनेश ढंढारिया सहित बडी संख्या मे अन्यजन उपस्थित थे।
कथा के मध्य जीवन्त झांकी प्रत्येक दिवस वृंदावन से पधारे मूलचंद शर्मा द्वारा सुसज्जित कर सजाई जाती है। मूलचंद शर्मा ने बताया कि वे यह कार्य वर्षों से कुशलतापूर्वक करते आ रहे हैं साज सज्जा ड्रेस एवं मेकअप का सामान सब अपने साथ वृंदावन से लाते हैं तथा प्रत्येक दिवस सजाई जाने वाली झांकी के पात्र आयोजक परिवार के सदस्यों को बनाकर उन्हें सुसज्जित करते हैं।