जयपुर : जल्द ही देश के सभी विधान मंडल डिजिटल संसद पर दिखाई देंगे। इसके जरिये विधायी निकायों में किए जा रहे नवाचारों और जानकारियों को साझा करने में काफी सहूलियत होगी। साथ ही, इससे विधानमंडलों और जनप्रतिनिधियों की दक्षता और संवाद की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
जयपुर में बुधवार से शुरू हो रहे अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में डिजिटल संसद बनाने की प्रक्रिया तेज होगी। सम्मेलन का उद्घाटन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। राजस्थान विधानसभा में आयोजित सम्मेलन में देश की सभी विधायी संस्थाओं के अध्यक्ष शामिल होंगे। हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डिजिटल संसद नाम से ऑनलाइन प्लेटफार्म शुरू कराया था, जिसके तहत एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया गया था। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में होने वाले इस सम्मेलन में डिजिटल संसद के अलावा जी-20 सम्मेलन पर भी पूरा ध्यान होगा। आगामी एक वर्ष तक भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन के लिए सभी विधानसभाओं की भूमिका तय होगी। साथ ही, सम्मेलन में विधायिका और न्याय पालिका के सामंजस्य पूर्ण संबंधों पर चर्चा होगी।
भूमिका तय करना इसलिए जरूरी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक हुई। इसमें जी-20 के लिए विधानमंडलों की भूमिका तय करने के लिए सभी सदस्यों की सलाह ली गई। इस दौरान ओम बिरला ने कहा, लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत संपूर्ण विश्व के लोकतांत्रिक देशों के लिए आदर्श है। संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परम्पराओं के लिए सभी भारत की ओर देखते हैं। इसलिए अगले एक वर्ष तक चलने वाले जी-20 सम्मेलन में अहम प्रेरक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं।
एक-दूसरे के कार्यक्षेत्र में दखल न देने की सलाह
सम्मेलन में शामिल सभी विधानसभा अध्यक्षों को दो अहम सलाह भी दी हैं, जिसमें एक सम्मेलन के दौरान एक-दूसरे के कार्यक्षेत्र में दखल न देते हुए आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने की सलाह दी गई। इसके अलावा, दूसरी सबसे अहम सलाह जन समस्याओं के समाधान को लेकर है। संसद और विधानसभाओं को और अधिक प्रभावी व जवाबदेह बनाने के साथ जनता से जुड़े मुददों को लेकर विधानमंडल किस प्रकार प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं, इस पर भी विधानसभा और विधान मंडलों के अध्यक्ष संवाद करेंगे।