झुंझुनूं-बुहाना/पचेरी : झुंझुनूं का लाल सिक्किम में शहीद, डेढ़ साल की बेटी से पहली बार पापा शब्द सुनना चाहते थे, लेकिन अंतिम इच्छा पूरी नहीं हुई

झुंझुनूं-बुहाना/पचेरी : सिक्किम में हुए हादसे के बाद राजस्थान में शोक की लहर है। राजस्थान के तीन जवान इस हादसे में शहीद हुए हैं और करीब चार जवान जख्मी भी हैं। इस हादसे के बाद अब राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर और झुंझुनूं शहर के तीन लाल हमेशा के लिए अलविदा कह गए हैं। इन तीन में से झुंझुनूं जिले के रहने वलो मनोज भी शामिल हैं। मनोज की शहादत की सूचना के बाद पूरे जिले में शोक है। परिवार के लोगों का हाल बेहाल है। डेढ़ साल की मासूम बच्ची के सामने परिवार के लोग लगाताए रोए जा रहे हैं।
सिंघाना पंचायत समिति के मांजरी गांव में रहने वाले मनोज यादव डेढ माह पहले ही छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे। वे 1871 फील्ड रेजीमेंट में लांस नायक पद पर कार्यरत थे। शहीद के डेढ साल की एक बेटी है। बड़ा भाई प्रमोद कुमार भी बीएसएफ में तैनात है। लाडले के निधन की खबर से पूरा गांव गमगीन हो गया। शहीद की वीरांगना बेसुध हो गई। सेना के अधिकारियों के अनुसार यह घटना जेमा, उत्तरी सिक्किम में हुई। दुर्घटनाग्रस्त वाहन तीन वाहनों के काफिले का हिस्सा था। जो चटन से सुबह थंगू की ओर बढ़ा था। ताबिक, जेमा के रास्ते में वाहन एक तीखे मोड़ पर एक खड़ी ढलान पर फिसल गया।
मनोज के सेना में अपने बड़े भाई प्रमोद को देखकर आए थे। छह साल पहले भाई से इतनी प्रेरणा मिली कि सेना ज्वाइन कर ली। 2018 में उनका विवाह हुआ था और अब उनके डेढ़ साल की बेटी है। सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन शुक्रवार को हुए हादसे के बाद सब कुछ बदल गया। मनोज फरवरी में वापस आने वाले थे अपनी मासूम बेटी को गोद में खिलाने और परिवार से मिलने। डेढ़ महीने पहले जब वे वापस सेना में लौटे थे तब उन्होनें अपनी पत्नी को कहा था कि मैं उस दिन की इंतजार कर रहा हूं जब मेरी बेटी मुझे पहली बार पापा बोलेगी….., उससे बड़ा दिन क्या होगा…। लेकिन मनोज की यह अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी और वे हमेशा के लिए सब कुछ छोड़कर चले गए।
आनंद
आनंद

बिजौली का जवान आनंद सिंह हुआ घायल
सिक्किम में शुक्रवार को सेना का ट्रक खाई में गिरने से निकटवर्ती बिजौली का जवान भी घायल हो गया। जानकारी के अनुसार इस हादसे में 16 जवान शहीद हो गए। वहीं बिजौली का आनंद सिंह घायल हुए हैं। ग्रामीणों के अनुसार हादसे के बाद आनंद सिंह की घरवालों से फोन पर बात हुई जिसमें उसने अपने आप को सहकुशल बताया है। आनंद सिंह करीब ढ़ाई साल पूर्व ही राजरैफ में भर्ती हुए थे। वह 13 दिसंबर को अपने छोटे भाई के अग्नि वीर में भर्ती होने पर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने गांव आया था और 16 दिसंबर को वापिस ड्यूटी पर चला गया था।

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