झुंझुनूं : मेरा बचपन देश के बड़े शहरों में बीता। प्राथमिक शिक्षा मायानगरी मुम्बई में हुई। इसके बाद की शिक्षा गुरुग्राम, जयपुर व अन्य शहरों में हुई। मुम्बई व गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था मुझे बहुत अच्छी लगती थी। सोचती थी बड़ी होकर अपने पैतृक गांव में भी ऐसी ही व्यवस्था करूंगी। खुद के गांव में ऐसा संभव नहीं हो पाया लेकिन अब शादी के बाद काजड़ा गांव में मुम्बई व गुरुग्राम के मॉडल से सफाई करवा रही हूं। यह कहना है अंग्रेजी माध्यम में पढ़ी तीन विषयों से एमए व बीएड काजड़ा की सरपंच मंजू कंवर का।
रिचार्ज कुएं बनवाए
गांव में सरपंच ने दो तरह के रिचार्ज कुएं भी बनवाए हैं। पहले प्रकार वाले कुओं में केवल बरसात का पानी एकत्रित होता है। गांव के प्रमुख रास्तों की ढलान में ऐसे कुएं बने हुए हैं। कुएं के चारों तरफ कंकड़, पत्थर व बजरी का प्राकृतिक फिल्टर बनाया है, ताकि मिट्टी कुएं में नहीं जाए। दूसरे तरह के रिचार्ज कुओं में गांव की नालियों का गंदा पानी एकत्रित किया जाता है। सरपंच का दावा है कि कुओं से जल स्तर बढ़ा है। एक कुएं के पास पुराना ट्यूबवैल सूख गया था, उसे हर बार गहरा करवाना पड़ता था, अब उसमें पानी आने लग गया है।
60 स्ट्रीट लाइट व सीसीटीवी कैमरे
गांव में साठ स्ट्रीट लाइट लगाई गई है। इनमें टाइमर लगाया हुआ है। अंधेरा होते ही अपने आप जल जाती है और सुबह उजाला होने पर अपने आप बंद हो जाती है। इस कार्य में पूरे गांव के लोग सहयोग करते हैं। दानदाता व ट्रस्ट भी सहयोग करते हैं। इसके अलावा पंद्रहवें वित्त आयोग की राशि का भी सदुपयोग किया जा रहा है। गांव के इंदिरा गांधी पार्क पर 16 लाख रुपए खर्च कर इसकी सूरत बदल दी है। यहां भारत माता की प्रतिमा भी लगवाई गई है। चारों तरफ ट्रेक बनवाया गया है। इसके अलावा गांव के प्रमुख आठ स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं।
सुमन कुमारी, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत अभियान