झुंझुनूं : इन दिनों सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भौतिक सत्यापन हो रहा है, 31 तक दिसंबर तक बायोमेट्रिक सत्यापन कराना जरूरी है। लेकिन कई बुजुर्गों के लिए यह परेशानी का सबब बना हुआ। थंब मशीनों पर बुजुर्गों के फिंगर प्रिंट नहीं आने से वह दिनभर ई-मित्र के चक्कर लगा रहे है। भौतिक सत्यापन नहीं होने से उन्हें पेंशन बंद होने का डर सता रहा है। सत्यापन को कराने वाले अधिकतर लोग उम्रदराज हैं, जिसके कारण उनके फिंगर प्रिंट नहीं आ रहे हैं और बायोमेट्रिक सत्यापन अटक गया है।
पेंशन का सत्यापन करवाने आए बुजुर्ग नत्थू खां ने बताया की वह पिछले कई दिनों से सत्यापन के लिए ई-मित्र व विभागों के चक्कर लगा रहे है, लेकिन अब तक सत्यापन नहीं हो पाया है, उन्होंने कहा कि उनके आय का दूसरा साधन नहीं है, पेंशन के सहारे से गुजर बसर करते है।
अब तक 30 प्रतिशत सत्यापन हुआ
इस काम में आ रही परेशानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले में 2 लाख 90 हजार 542 लोगों में से 83 हजार 770 लोगों का सत्यापन हो पाया है। यानी अब तक 30 प्रतिशत ही सत्यापन बायोमेट्रिक से हो पाया है और 70 प्रतिशत लोग सत्यापन से वंचित है।
पहले था ऑटीपी का प्रावधान
विभाग की ओर से गत वर्षों में बायोमेट्रिक सत्यापन में होने वाली परेशानी से बचने के लिए पूर्व में ओटीपी का प्रावधान किया था, लेकिन ओटीपी से पेंशन के वार्षिक सत्यापन कराने में फर्जीवाड़े के मामलों के बाद इस वर्ष ओटीपी को कोई प्रावधान नहीं आ रहा, जिसके कारण पेन्शन लाभार्थियों का वार्षिक सत्यापन अटका हुआ है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान ने बताया कि पेंशन के वार्षिक सत्यापन में वैसे तो बायोमेट्रिक द्वारा सत्यापन हो रहा है, उसमें कोई समस्या आ रही है तो पेंशन स्वीकृतकर्ता अधिकारी ग्रामीण इलाकों में विकास अधिकारी अथवा शहरी क्षेत्र में उपखण्ड अधिकारी के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होता है, तो पेन्शन पेन्शन स्वीकृतकर्ता अधिकारी अपनी एसएसओ आईडी द्वारा एसएसपी पोर्टल पर पीपीओ नम्बर दर्ज कर भौतिक सत्यापन कर सकता है।
इसके अलावा पटवारी और ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अपनी ग्राम पंचायत के पेन्शनर के डाटा को स्वीकृतकर्ता अधिकारी के पास प्रेषित कर पेंशनरों का सत्यापन करा सकते है। ओटीपी का प्रावधान भी विभाग द्वारा जल्द प्रारम्भ किया जायेगा, जिसके बाद सत्यापन में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी।