खेतड़ी (झुंझुनूं) : उप-राष्ट्रपति धनखड़ ने की विवेकानंद संदेश यात्रा की शुरूआत​​​​​​​:50 दिन में होगी राजस्थान यात्रा; 7 जनवरी को जोधपुर में समापन : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विवेकानंद रथ यात्रा को दिखाई हरी झंडी,

खेतड़ी (झुंझुनूं) : उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज झुंझुनूं के खेतड़ी से विवेकानंद संदेश यात्रा का हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह संदेश यात्रा 50 दिन में पूरे प्रदेश में भ्रमण करेगी। खेतड़ी में पोलो ग्राउंड में आयोजित सभा के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए।

बता दें कन्याकुमारी में विवेकानंद केंद्र के संस्थापक एकनाथ रानाडे की जयंती पर संदेश का यात्रा का शुभारंभ किया गया है। केंद्र की स्थापना 7 जनवरी 1972 में की गई थी। इसलिए 7 जनवरी को ही जोधपुर में संदेश यात्रा का समापन होगा। स्वामी विवेकानंद शिकागो जाने से पहले खेतड़ी में रुके थे। जहां खेतड़ी नरेश ने आर्थिक सहयोग किया था।

उपराष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद का भारत विविध एकता का एक सपना था, जो आज साकार हो रहा है। देश के सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत खेतड़ी से शुरू की जा रही विवेकानंद संदेश यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

केंद्र सरकार की प्रशंसा में बोले
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में आज पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुका है तथा जल्द ही तीसरी अर्थव्यवस्था बनकर दिखाएंगे। भारत आज अपने दम पर हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। किसी भी काम के लिए आज हमारा देश दूसरे देशों के मोहताज नहीं है। जिन लोगों ने इस देश पर राज किया आज भारत ने उनको पछाड़कर बड़ी शक्ति बनने जा रहा है। भारत में लगातार हो रहे विकास की जबरदस्त यात्रा तेजी से चली जा रही है, लेकिन कुछ लोग भ्रमित होकर बिना कुछ समझे अनर्गल बातें करते हैं।

खेतड़ीनगर के नेहरू मैदान से वापस दिल्ली के लिए लौटते समय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।
खेतड़ीनगर के नेहरू मैदान से वापस दिल्ली के लिए लौटते समय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।

कोविड वैक्सीनेशन में हमारे देश ने बहुत मेहनत कर विदेशों को वैक्सीन दी और आज दुनिया के किसी भी मापदंड में भारत पीछे नहीं रहा है, जिससे पूरी दुनिया आज भारत की सराहना कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत पूर्व समय में विश्व गुरु हुआ करता था, आज फिर से हम विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर हो रहे हैं।

दुनिया का आज कोई ऐसा प्रतिष्ठान नहीं है जिसमें कोई भारतीय बड़े पद पर नहीं हो। स्वामी विवेकानंद को शिकागो धर्म सम्मेलन में भेजने व विश्व में भारत की पहचान बनाने में राजा अजीत सिंह और खेतड़ी का बहुत योगदान रहा है। विवेकानंद संदेश यात्रा आमजन को नए विचारों के लिए प्रेरणा देगी।

स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर किए पुष्प अर्पित

इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 11 बजे भारतीय वायुसेना के विमान से खेतड़ी के नेहरू मैदान में पहुंचे। इस दौरान पुलिस के जवानों की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। क्षेत्रीय विधायक व सीएम सलाहकार डॉ. जितेंद्र सिंह, पालिका चेयरमैन गीता सैनी, प्रधान मनीषा गुर्जर ने गुलदस्ता भेंट कर सम्मान किया।

सड़क मार्ग से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ खेतड़ी के अजीत विवेक संग्रहालय में पहुंचे, जहां पर उनका रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी आत्मानिष्ठानंद महाराज ने बुके भेंट कर स्वागत किया। उसके बाद उपराष्ट्रपति अपनी धर्मपत्नी के साथ अजीत विवेक म्यूजियम में बने भव्य स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।

इस दौरान ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी मौजूद रहे। स्वामी आत्मानिष्ठानंद महाराज ने उपराष्ट्रपति को पूरे म्यूजियम का विजिट किया। जहां पर मैना बाई, स्वामी विवेकानंद को अपने भजन प्रभु जी मेरे अवगुण चित न धरो के माध्यम से ज्ञान दिया वह स्थल भी उपराष्ट्रपति ने देखा।

विवेकानंद स्मृति चिन्ह भेंट कर उपराष्ट्रपति का किया सम्मान।
विवेकानंद स्मृति चिन्ह भेंट कर उपराष्ट्रपति का किया सम्मान।

विवेकानंद के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएंगे

भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वामी विवेकानंद के राष्ट्र चेतना जागृत अभियान को लेकर विवेकानंद संदेश यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य विवेकानंद के विचारों को राजस्थान प्रदेश के जन जन तक पहुंचाने का है। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी व भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से विवेकानंद संदेश यात्रा राजस्थान का आयोजन किया जा रहा है।

एकनाथ रानाडे की जयंती पर किया शुभारंभ

स्वामी विवेकानंद को विशिष्ट पहचान देने वाली भावभूमि खेतड़ी से विवेकानंद केंद्र के संस्थापक एकनाथ रानाडे की जयंती साधना दिवस संदेश यात्रा का शुभारंभ किया गया है। प्रदेश के सात संभाग, 33 जिलो के 75 स्थानों से होते हुए 50 दिन की यात्रा पूर्ण कर 7 जनवरी 2023 को विवेकानंद केंद्र के स्थापना दिवस पर जोधपुर में भव्य समारोह के साथ यात्रा का समापन होगा। स्वामी विवेकानंद राजस्थान में खेतड़ी, अलवर, जयपुर, अजमेर, सिरोही और आबू पर्वत पर आए थे। इन स्थानों पर विशेष तौर पर यात्रा का भव्य स्वागत किया जाएगा।

एकनाथ रानाडे ने 7 जनवरी 1972 को विवेकानंद शिला स्मारक कन्याकुमारी में भगवा ध्वज लहरा कर विवेकानंद केंद्र की स्थापना की थी। 7 जनवरी 2023 को इसके 50 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

विवेकानंद की वेशभूषा में 75 बच्चे पहुंचे पोलो ग्राउंड में पहुंचे।
विवेकानंद की वेशभूषा में 75 बच्चे पहुंचे पोलो ग्राउंड में पहुंचे।

ये लोग पहुंचे समारोह में

खेतड़ी में होने वाले संदेश यात्रा के उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप घनखड़ के साथ धर्मपत्नी सुदेश घनखड़, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी प्रमुख ए बालकृष्ण, रामकृष्ण मिशन सचिव आत्मनिष्ठा नंद महाराज मंच पर उपस्थित रहे।

उपराष्ट्रपति ने किया विवेकानंद स्मारिका पत्रिका का विमोचन।
उपराष्ट्रपति ने किया विवेकानंद स्मारिका पत्रिका का विमोचन।

यात्रा पूरे प्रदेश में करेगी भ्रमण

यात्रा के संयोजक डॉ. स्वतंत्र शर्मा व अशोक सिंह शेखावत ने बताया कि खेतड़ी से शुरू होने वाली विवेकानंद संदेश यात्रा पूरे राजस्थान प्रदेश में भ्रमण करेगी। संदेश यात्रा 50 दिन में प्रदेश के 7 संभागों के 33 जिलों में 75 स्थानों पर भ्रमण करते हुए 7 जनवरी को जोधपुर पहुंचेगी, जहां भव्य यात्रा का समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा।

स्वामी विवेकानंद संदेश रथ यात्रा के साथ खड़े लोग।
स्वामी विवेकानंद संदेश रथ यात्रा के साथ खड़े लोग।

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