उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज रेलवे ट्रैक पर किया था धमाका, अब पांच दिन रहेंगे रिमांड पर

उदयपुर : उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन के ओड़ा पुलिया के रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट के लिए अपचारी ने ही डेटोनेटर गुल्लों के पैकेट को ट्रैक के नीचे रखा था। दोनों को उन्होंने एक साथ आग लगाई, लेकिन संयोग से दूसरा सुलग नहीं पाया, पहले सुलगने के कारण ब्लास्ट के खतरे से वे दूसरे को जलाने के बजाए भाग खड़े हुए। ब्लास्ट की घटना के बाद मुख्य आरोपी काका तो घर जाकर सो गया लेकिन अपचारी अपने भाई के साथ बाइक से पुलिया के नीचे तक देखने के लिए आया। सडक़ पर अन्य लोगों को देखकर वे वापस चले गए।

एटीएस एएसपी अनंत कुमार ने बताया कि जावर माइंस थानाक्षेत्र में ओडा पुलिया पर रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के मामले में पुलिस एकलिंगपुरा निवासी धूलचंद (32) पुत्र सवजी मीणा व उसके भतीजे प्रकाश मीणा (18) को गिरफ्तार किया था तथा एक अपचारी को डिटेन किया था। पूछताछ में मुख्य आरोपी धूलचंद ने रेलवे व जिंक में उनकी 70 बीघा जमीन जाने से उन्हें मुआवजा नहीं मिला था। एटीएस टीम राजस्व रिकॉर्ड से जमीन के संबंध दस्तावेज निकालते हुए पूरा पता लगाएगी।

उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट ने पांच दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया है। आरोपी की जमीन पर रेलवे ट्रैक बना है, लेकिन 45 साल से उसे मुआवजा नहीं मिला। इसी वजह से उसने बहरे हो चुके सिस्टम तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यह धमाका किया था। अब पांच दिन तक पुलिस और एटीएस मिलकर उनसे पूछताछ करेगी।

पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को धूलचंद समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया था। इन लोगों ने विस्फोटक लगाया और बाइक पर निकल गए थे। दरअसल, जिस जमीन पर यह ट्रैक बना है, वह धूलचंद की है। वह कई साल से रेलवे प्रशासन और हिंदुस्तान जिंक से मुआवजा मांग रहा था, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इस वजह से वह नाराज था और इसी कारण उसने बदला लेने के लिए यह ब्लास्ट किया। एटीएस ने इस मामले का खुलासा गुरुवार को किया था।

स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया था कि 1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक ने अधिग्रहित की थी। उसे न तो मुआवजा दिया गया और न ही रोजगार। वह कई साल से इसकी कोशिश कर रहा था। कहीं से कोई मदद नहीं मिलने से उसने गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया। उन लोगों ने अंकुश सुवालका से यह विस्फोटक खरीदा था। उसे भी हिरासत में लिया गया है।

घटना के बाद में सुबह ही छिपा दिए थे विस्फोटक

पूछताछ में मुख्य आरोपी ने टीम को बताया कि वह डेटोनेटर, गुल्ले व फ्यूज वायर को घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर घटना वाले दिन ही सुबह पटरियों के पास पत्थरों के बीच छिपा दिया। उसके बाद शाम को तीनों बाइक से वहां पहुंचे, वहां पर लोगों की गतिविधियां देखकर एक बार वापस चले गए लेकिन कुछ देर बाद वापस आए। अपचारी ने डेटोनेटर व गुल्ले के दोनों बम को पटरी के नीचे खाली जगह पर रखा और उसमें आग लगाई। संयोग से एक में ही आग लगने से वह ब्लास्ट हो गया। दूसरे ब्लास्ट नहीं होने से मौके पर खालीे गुल्ले व फ्यूज वायर मिले है।

रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट के बाद मुख्य आरोपी का पिता बोला-मेरे लिए वो मर गया

रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट की घटना के मुख्य आरोपी धूलचंद के पिता सवजी मीणा ने घटना पर अफसोस जताते हुए कि उसने गलत किया है, मुझे अगर उसके इस कृत्य के बारे में पता होता तो मेरी खुद उसे पटरी पर बांध देता। ट्रेन में हादसा हो जाता है लोग मर जाते तो मैं मुंह कैसे दिखाता। मेरे लिए वो मर गया है। सरकार उसे किए की कठोर से कठोर सजा दे। सवजी ने ब्लास्ट की घटना के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि उन्होंने भी रात को धमाका सुना था। सुबह पुल पर ब्लास्ट होने की जानकारी मिली। पुलिस जब घर पर दो से तीन बार पुलिस आई तो अपने पूरा सहयोग किया। मैंने उस वक्त भी कहा कि कोई भी अपराधी हो उसे सजा मिलनी ही चाहिए।
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विस्फोटक सप्लाई करने वाले पिता-पुत्र गिरफ्तार

उदयपुर. रेलवे ट्रैक पर हुए ब्लास्ट में काम में आए विस्फोटक को सप्लाई करने वाले पिता-पुत्र को एटीएस ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया। एएसपी अनंत कुमार ने बताया कि तितरड़ी अम्बामाता की घाटी निवासी बिहारीलाल सुवालका व उसके पुत्र अंकुश सुवालका को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों ने ब्लास्ट के मुख्य आरोपी धूलचंद को 80 डेटोनेटर दो हजार में दिए थे। पड़ताल में सामने आया कि बिहारीलाल लम्बे समय से अवैध रूप से विस्फोटक सप्लाई कर रहा है।

कांस्टेबल पुष्पेन्द्र को गैलेंट्री प्रमोशन

ओड़ा क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर विस्फोट करने वाले आरोपियों को पकडऩे वाले पुलिसकर्मियों को पीएचक्यू सम्मानित करेगा। डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि आरोपी धूलचंद की पुख्ता सूचना जुटाने वाले कांस्टेबल पुष्पेंद्र को गैलेंट्री प्रमोशन दिया जाएगा। डीजीपी मिश्रा ने बताया कि उदयपुर एसपी विकास शर्मा की अनुशंसा पर एएसपी मुकेश सांखला, सीओ राजेन्द्र सिंह जैन, एसएसओ जावर माइंस अनिल विश्नोई व कांस्टेबल मांगी लाल को डीजीपी ***** और एएसपी मनजीत सिंह, सीओ गिर्वा भूपेन्द्र, सीओ तपेन्द्र मीणा, इंस्पेक्टर लीलाधर मालवीय, दलपत सिंह, सुबोध जांगिड, कमलेन्द्र सिंह, रमेश मीणा, सब इंस्पेक्टर कैलाश सिंह चौहान, एएसआई वेला राम व हेड कांस्टेबल बालकृष्ण मीणा, मोहन पाल सिंह, भैरू सिंह, प्रताप सिंह, गम्भीर सिंह,गणेश कुमार, मंगल कुमार, कांस्टेबल सत्यनारायण, शांति लाल व मुकेश को पुलिस मुख्यालय स्तर से पारितोषिक से सम्मानित किया जाएगा।

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