सिंघाना : सिंघाना पंचायत के ओर से ढाणा गांव की मुख्य रास्ते की नदी में कचरा डालने से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत को बार-बार अवगत कराए जाने के बाद भी पंचायत द्वारा कोई समाधान नहीं करने पर ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। जिस पर कचरा डालने को बंद करने की मांग करते हुए रविवार को ढाणा पंचायत के ग्रामीणों ने नदी क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब दो साल से नदी में शहर की सफाई, मरे हुए जानवरों सहित बदबूदार कचरे को डाला जा रहा था।
बीमारी फैलने का बना रहा अंदेशा
नदी में डाले जा रहे कचरे से बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है। जिससे लोगों का घर में बैठना मुश्किल हो गया है। गंदगी से मक्खी और मच्छर अधिक हो गए। अध्यापक राजेश ने बताया स्कूल में इस बदबूदार गंदगी के उपर से होकर बच्चों को आना पड़ रहा है। कई बार अस्पतालों का कचरा भी यहीं डाल दिया जाता है। जिससे गंभीर बीमारियां फैलने की स्थिति बन गई है। समस्या को लेकर पंचायत को बार-बार शिकायत की गई, लेकिन अभी तक कचरा डालना बंद नहीं हुआ है।
कई ग्रामीण रहे मौजूद
ग्रामीण रतिराम ने बताया कि खुले में डाले जा रहे कचरे से पूरे आसपास का इलाका प्रदूषित हो गया है। आवारा पशु इस कचरे को खाकर अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं और पूरे क्षेत्र को बीमारियों में धकेलने की कोशिश हो रही है। कचरा डालने के लिए आने वाले कर्मचारियों को बंद करने के लिए कहा तो सफाई कर्मचारियों से एससी/एसटी का मुकदमा लगवाने की धमकियां दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि सिंघाना पंचायत ने जल्द ही कचरा डालना बंद नहीं किया तो ग्रामीणों की ओर से मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। इस मौके पर ताराचंद मनीराम, मंगेज, लालचंद, शीशराम, अनिल, नेकीराम, रोहिताश, प्रकाश, बाबूलाल, भागीरथ, महेंद्र, पंच सुरेश, कमलेश, संतोष, सरोज, विमला, धापा देवी सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।