झुंझुनूं : जिले में अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए एसपी ने खास प्लान तैयार किया है। जिले में कोई आपराधिक घटना का अंजाम देकर निकल नहीं जाए। इसके लिए रूट प्लान तैयार किया गया है। इसके साथ ही जिले में आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए जिले में खास नाकाबंदी प्लान तैयार किया है। पुलिस के मकसद है कि अपराधियों में पुलिस का डर हो और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
झुंझुनूं पुलिस ने किसी भी अप्रिय वारदात को अंजाम देने वालों को पकडऩे के लिए रूट मैप तैयार किया है। इसको अमलीजामा पहनाने के लिए पुलिस समय समय अपनी तैयारियों का जायजा ले रही है। जिले में शुक्रवार शाम चार घंटे की विशेष नाकाबंदी कर पुलिस ने तैयारियों को परखा तो अवैध वाहनों एवं लोडिंग वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की।
एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जिलेभर में विशेष नाकाबंदी कर देखा कि कभी जरूरत पडऩे पर कितने जवानों व अधिकारियों की जरूरत रहेगी। कौन से पॉइंट पर कौन आसानी से पहुंच सकता है। इसकी जानकारी अधिकारियों के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम के पास भी रहेगी ताकि आवश्यकता होने पर इसे तुरंत लागू किया जा सके। इसकी शुरुआत में हमने जिला मुख्यालय पर एंट्री वाले छह स्थानों पर नाके बनाकर पॉइंट लगाकर नाकाबंदी कराई।
शहर में आवागमन के प्रमुख रास्तों पर नाके लगाए
एसपी के आदेश पर शहर के प्रमुख रास्तों जहां से एंट्री व निकास होता है। उन सभी रास्तों जैसे मंडावा मोड़, सगीरा सर्किल, हवाई पट्टी, अग्रसेन सर्किल, पीपली चौक, राणी सती रोड पर पॉइंट बनाकर नाकाबंदी की गई। यहां हथियारबंद नाकाबंदी कर जाब्ता लगाया गया। शहर में पुलिस अधिकारियों व जवानों को लगाया गया। इस दौरान शाम चार बजे से रात आठ बजे तक गुजरने वाले सभी वाहनों की सघन जांच की गई। कैंपरों व गाडिय़ों के आगे लगी गर्डर हटवाई गई।
संदिग्ध वाहनों पर खास नजर
नाकाबंदी के दौरान संदिग्ध वाहनों पर खास नजर रखी गई। वाहनों को चैक किया गया। वाहन चालकों के ड्राइवरिंग लाइसेंस और वाहनों के कागजात देखे गए। वाहनों को पूरी तरह से जांच की जा रही है।
एसपी के आदेश पर जिलेभर में चार घंटे की विशेष नाकाबंदी की गई। जिले के सभी थानाधिकारी, डीएसपी नाकाबंदी व गश्त में रहे। एसपी मृदुल कच्छावा व एएसपी डॉ. तेजपाल सिंह, डीएसपी सिटी शंकरलाल छाबा इसकी लगातार मॉनिटरिंग करते रहे।
टाइट नाकाबंदी
जिले में अचानक शाम के विशेष नाकाबंदी हुई। शहर में इतनी टाइट नाकाबंदी देखकर लोग किसी अप्रिय घटना की आशंका जताते हुए चर्चा करने लगे। बाहर के नम्बरों की गाडिय़ों की खास जांच की गई।