झुंझुनूं : जिला परिषद की बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। सांसद व प्रधान आमने सामने हो गए। बात हाथापाई तक पहुंच गई। जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि ने पुलिस बुलाने की बात तक कह दी। इस दौरान प्रधान और सांसद के बीच करीब 20 मिनट तक नोक झोंक होती रही। नोकझोंक में नाश्ते के लिए टेबल पर रखी प्लेट टूटी गई। मामले को बढ़ता देख जिला परिषद सीईओ जवाहर चौधरी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर व जिला परिषद सदस्य ने पंकज धनखड़ ने समझाइश कर मामला शांत करने की कोशिश की।
दरअसल, बुधवार को जिला परिषद कार्यालय में साधारण सभा की बैठक थी। इस दौरान जनप्रतिनिधियों की ओर से पानी, बिजली ओर सड़क को लेकर मुद्दे उठाए जा रहे थे। इस दौरान जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि ने मुख्यमंत्री की वीसी होने की बात कहकर बैठक का समापन करना चाह रही थी।
अलसीसर प्रधान घासीराम पूनिया, नवलगढ प्रधान दिनेश सुण्डा सहित अन्य प्रधान ने बैठक में बोलने का मौका नहीं देने की बात कहते हुए हंगामा कर दिया। उन्होंने कहा कि जिला परिषद की बैठक में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है, जब भी जनता के मुद्दे उठाए जाते है, उन्हें बीच में रोक दिया जाता है। इसके बाद प्रधान व जिला प्रमुख तीखी बहस हो गई। जिला प्रमुख ने पुलिस का अधिकारी बुलाने तक की बात कह दी। इस पर नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुण्डा तेस में आ गए, उन्होंने जिला प्रमुख को जवाब देते हुए कहा कि यहा पुलिस बुलाकर जनप्रतिनिधियों को पकडवाना चाहती है। उन्होंने कहा कि आप क्या पुलिस को बुलाओगी हम खुद बुला लेते है और गिरफ्तार दे देते है।
सांसद भी पहुंचे बैठक में
इसके बाद सांसद नरेन्द्र कुमार भी बैठक में पहुंचे, उन्होंने प्रधान दिनेश सुण्डा को बैठक से बाहर जाने के लिए कहा। प्रधान दिनेश सुण्डा ने कहा कि आप कौन होते हो हमें बाहर भेजने वाले हम दोनों ही जनप्रतिनिधि है और जनता के मुद्दे सभा में रखेंगे। इसके बाद सांसद व प्रधानों के बीच नोक झोंक शुरू हो गई। जिसके बाद अलसीसर प्रधान घासीराम पूनिया व सांसद नरेंद्र खीचड़ आमने सामने हो गए। दोनों ने टेबल बजाकर एक दूसरे बहस शुरू कर दी। सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़ ने नोकं झोंक में अलसीसर प्रधान घासीराम पूनिया को थप्पड़ बकते हुए दिखे लेकिन मीडिया मौजूद होने के कारण उन्होंने अपना हाथ पीछे खींच कर टेबल दे मारा।
जिससे नाश्ते के लिए आई हुई कई प्लेट भी टूट गई।ठक में उपस्थित झुंझुनूं सीईओ जवाहर चौधरी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर जगदीश प्रसाद गौड़ व जिला परिषद सदस्य पंकज धनखड़ ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाने की कोशिश की।
बैठक के बाद जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि ने पुलिस बुलाने की बात पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रधान जी के कान थोडे कच्चे है, बैठक में पुलिस डिपार्टमेंट से संबंधित मुद्दा उठा था, इस बात को लेकर बैठक में कोई पुलिस अधिकारी को बुलाने की बात कही थी ।
नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा ने बताया कि पिछले काफी समय से देख रहे है कि जिला परिषद की बैठक में हम लोगों को बोलने से रोका जा रहा है, जबकि जिला प्रमुख को बराबर बोलने का मौका दिया जा रहा है। आज भी बैठक में यही हुआ जिला परिषद के सदस्यों के बोलने के बाद जब हमारा मौका आया तो जिला प्रमुख की ओर से बैठक को खत्म करने की बात कही गई। हम लोगों को बोलने से रोकने के लिए पुलिस बुलाने तक की बात कही गई। यह दुर्भाग्य पूर्ण है, झुंझुनूं जिले के जिला परिषद के इतिहास में इस काला दिन को याद रखा जाएगा।