खेतड़ी उपखंड के पपुरना गांव में ऐतिहासिक तालाब पर भूमाफियाओं द्वारा तारबंदी कर कब्जा करने के प्रयास के मामले को लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन पर मिलीभगत करने का आरोप भी लगाया है।
विरोध कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि पपुरना से डाबला जाने वाली सड़क पर दहलासरी के नाम से ऐतिहासिक तालाब है, जिसे महाजन समाज के लोगों ने करीब चार सौ वर्ष पूर्व बनाया गया था। इस तालाब पर पूर्व में शिवरात्रि के मेले पर कुश्ती का आयोजन होता था और तीज के त्यौहार पर नवविवाहित जोड़े झूला झूलने की परंपरा भी थी। तालाब के पास में सती माता का मंदिर व श्मशान भूमि भी है, जहां ग्राम पंचायत की ओर से विकास कार्य भी करवाए गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बाहर के भूमाफिया लोगों की नजर इस ऐतिहासिक तालाब की बेशकीमती जगह पर टिकी हुई है। इन लोगों ने यहां पोल लगाकर तारबंदी कर कब्जा करने का प्रयास किया है।
अतिक्रमण की सूचना पर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद अतिक्रमणकारी यहां तारबंदी नहीं कर सके। ग्रामीणों का आरोप है कि इस संबंध में दो दिन पूर्व एसडीएम को ज्ञापन देकर ऐतिहासिक तालाब की बेशकीमती जमीन पर कब्जा नहीं करने को लेकर अवगत करवाया था। इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। मौके पर रमेश गुप्ता, पवन दाधीच, भागीरथ मेघवाल, मानप्रकाश कुमावत, संजय देव गुर्जर, दुर्गा प्रसाद, नईमुद्दीन कुरेशी, उमाशंकर फरेरा, जगमाल महरानिया, अंजनी गुप्ता, उमराव मेघवाल, शुभम गुप्ता, धर्मपाल गुर्जर और कैलाश शर्मा सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।