उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में राशन माफिया से नजदीकी के आरोप में एडीएम नागरिक एवं आपूर्ति सुशीला अग्रवाल को पद से हटा दिया गया है। 14 सितंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्कालीन डीएम भानु चंद्र गोस्वामी से सुशीला अग्रवाल के विरुद्ध रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट सुशीला के पक्ष में नहीं थी। उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय लखनऊ से संबद्ध किया गया है।
पति हाथरस में एडीएम वित्त पद पर तैनात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुशीला के पति हाथरस में एडीएम वित्त एवं राजस्व पद पर तैनात हैं। पीसीएस अधिकारी सुशीला अग्रवाल को वर्ष 2022 में एडीएम नागरिक एवं आपूर्ति बनाया गया था। एडीएम के अर्दली गौरव शर्मा के संपर्क में राशन माफिया सुमित अग्रवाल और मनीष अग्रवाल थे। गौरव द्वारा राशन विक्रेताओं को कार्यालय में बुलाया जाता था। अगर कोई विक्रेता नहीं आता था तो उसकी शिकायत अधिकारी से की जाती थी। जिले में राशन माफिया सुमित अग्रवाल और मनीष अग्रवाल सिंडीकेट बनाकर हर माह 60 हजार कुंतल चावल सहित अन्य राशन हरियाणा व पंजाब में बेचते हैं। सुमित के विरुद्ध अब तक चार से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। मार्च में 400 कुंतल पकड़ा गया था। विशेष सचिव विजय कुमार ने एडीएम नागरिक एवं आपूर्ति के तबादला आदेश जारी किए। अभी इस पद पर नई तैनाती नहीं हुई है। जिस तरह से शासन ने कार्रवाई की है।
फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि पीसीएस अधिकारी के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच भी हो सकती है। वहीं एडीएम सुशीला अग्रवाल का कहना है कि उन्हें शासन से जारी कोई आदेश नहीं मिला है।