आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद आज जंतर-मंतर पर जनता को संबोधित करते हुए जनता अदालत में कहा कि आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है, जंतर मंतर पर पुराने दिन याद आ गए। इस दौरान केजरीवाल ने साल 2011 का जन लोकपाल बिल के आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि 4 अप्रैल 2011 का दिन था और आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन इसी जंतर-मंतर में शुरू हुआ था, जोकि डेढ़-दो साल तक चलता रहा। तब की सरकार भी बहुत अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानी, चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ। हम भी चुनाव लड़ लिए, पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई।
आगे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने दिखा दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और सरकार भी बनाई जा सकती हैं। केजरीवाल ने अपनी सरकार की कामयाबी गिनाते हुए कहा, सरकार बनाकर लोगों को ऐसी-ऐसी सुविधा दी जो उन्हें नहीं मिलती थी, लोगों के लिए मुफ्त, बिजली, पानी, शिक्षा और बुर्जुगों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा दी। केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, 10 सालों से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे तो मोदी जी ने षड्यंत्र रचकर सारे बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया, हमने जेल से बाहर आकर इस्तीफा दिया।
सीएम पद से इस्तीफा दिए जाने को लेकर केजरीवाल ने कहा कि आप सोच रहे होंगे कि हमने इस्तीफा क्यों दिया? मैं भ्रष्टाचार करने नहीं देश की राजनीति बदलने आया था। मुझे कुर्सी से प्यार नहीं है, मैं अंदर से बहुत दुखी हुआ। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया। इन 10 सालों में मैंने सिर्फ आपका प्यार कमाया है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को सीएम आवास को खाली करना होगा, इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास रहने के लिए घर भी नहीं है।
लोगों ने कहा कि मेरा घर ले लो, अभी श्राद्ध चल रहे हैं नवरात्र में मुख्यमंत्री आवास छोड़कर आपके घर आकर रह लूंगा। मैंने सोचा था कि कोर्ट से जब तक बरी नहीं हो जाता तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। कोर्ट में सालों ट्रायल चलेगा, इसलिए मैं जनता की अदालत में आया हूं।